Move to Jagran APP

FPI को फिर लुभा रहा भारत का बाजार, इक्विटी और डेट मार्केट्स में जमकर कर रहे हैं निवेश

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) मार्च में फिर भारत के इक्विटी और डेट बाजारों की आकर्षित हुए और बड़े पैमाने पर निवेश किया। वे 15 मार्च तक FPI इक्विटी बाजारों में 40710 करोड़ रुपये और डेट बाजारों में 10383 करोड़ रुपये लगा चुके हैं। जानकारों का कहना है कि जनवरी में बड़ी बिकवाली करने वाले विदेशी निवेशक फरवरी में शुद्ध खरीदार रहे लेकिन निवेश की मात्रा कम रही थी।

By Agency Edited By: Suneel Kumar Updated: Sat, 16 Mar 2024 06:02 PM (IST)
Hero Image
15 मार्च तक FPI इक्विटी बाजारों में 40,710 करोड़ रुपये लगा चुके हैंं।
आईएएनएस, नई दिल्ली : मार्च में एक बार फिर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) घरेलू इक्विटी और डेट बाजारों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। डिपॉजिटरी के डेटा के अनुसार, 15 मार्च तक FPI इक्विटी बाजारों में 40,710 करोड़ रुपये और डेट बाजारों में 10,383 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं। कैलेंडर वर्ष 2024 में अब तक FPI इक्विटी में 16,505 करोड़ और डेट में 52,639 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं।

जानकारों का कहना है कि जनवरी में बड़ी बिकवाली करने वाले विदेशी निवेशक फरवरी में शुद्ध खरीदार रहे, लेकिन निवेश की मात्रा कम रही थी। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार का कहना है कि मार्च में नई FPI ने बड़े पैमाने पर खरीदारी की है। हालांकि, इसमें थोक सौदों की संख्या ज्यादा रही है।

यह भी पढ़ें : Petrol-Diesel Price Cut : सरकार ने यहां पर 15 रुपये तक कम किए पेट्रोल-डीजल के दाम, वजह के साथ जानिए नया रेट

विजयकुमार का कहना है कि यह FPI गतिविधियों का वास्तविक संकेत नहीं हैं, लेकिन यह रुख आगे भी जारी रह सकता है। उन्होंने कहा कि अब FPI निवेशक अमेरिकी बांड यील्ड के अनुसार अपनी रणनीति बदल रहे हैं। अगर महंगाई में वृद्धि से आने वाले समय में अमेरिकी बॉन्ड पर यील्ड बढ़ता है तो FPI भारतीय बाजारों से निकासी कर सकते हैं।

हालांकि, पिछली बार अमेरिकी बॉन्ड पर अधिक यील्ड मिलने के बावजूद FPI ने भारतीय बाजार को ही तरजीह दी थी। इसकी वजह भारत की बेहतर आर्थिक संभावनाओं को माना गया था।

इक्विटी बाजारों में मार्च में मिड और स्मॉल कैप में कमजोरी दिखी है, जबकि लार्ज कैप में लचीलापन बना हुआ है। इस कारण FPI ने लार्ज कैप से बिकवाली घटा दी है। वे फिलाहल बैंकिंग, दूरसंचार और आटोमोबाइल्स जैसे क्षेत्रों में सीमित दायरे में खरीदारी कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें : Tata Group की एयरलाइन Air India ने की छंटनी, 180 एंप्लॉयी की हुई छुट्टी; कंपनी ने बताई वजह