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FPI ने दिसंबर में चार कारोबारी सत्रों में भारतीय बाजारों में 17,818 करोड़ रुपये डाले

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार एफपीआई ने 1-4 दिसंबर के दौरान शेयरों में शुद्ध रूप से 16520 करोड़ रुपये और ऋण या बांड बाजार में 1298 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस तरह भारतीय बाजारों में उनका शुद्ध निवेश 17818 करोड़ रुपये रहा था।

By NiteshEdited By: Updated: Mon, 07 Dec 2020 10:58 AM (IST)
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FPIs pump in rs 17818 crore in just 4 trading sessions of December
नई दिल्ली, पीटीआइ। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने दिसंबर में चार कारोबारी सत्रों में भारतीय बाजारों में 17,818 करोड़ रुपये डाले हैं। दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं में उम्मीद से बेहतर सुधार और कोरोना वायरस के टीके को लेकर सकारात्मक नतीजों से भारतीय बाजारों के प्रति विदेशी निवेशकों का आकर्षण बढ़ा है। 

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार एफपीआई ने 1-4 दिसंबर के दौरान शेयरों में शुद्ध रूप से 16,520 करोड़ रुपये और ऋण या बांड बाजार में 1,298 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस तरह भारतीय बाजारों में उनका शुद्ध निवेश 17,818 करोड़ रुपये रहा था। इससे पहले नवंबर में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में शुद्ध रूप से 62,951 करोड़ रुपये डाले थे। 

ग्रो के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) हर्ष जैन ने कहा, 'दुनियाभर में अर्थव्यवस्थाओं में उम्मीद से अधिक तेजी से सुधार हो रहा है। ऐसे में भारतीय बाजारों में एफपीआई का प्रवाह तेजी से बढ़ रहा है।' उन्होंने कहा कि इसके अलावा कोविड-19 के टीके परीक्षणों के सकारात्मक नतीजों से भी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, 'उभरते बाजारों के प्रति एफपीआई में काफी आकर्षण है और इस रुख से भारत को भी फायदा हो रहा है।'

एफडीआई इक्विटी प्रवाह 500 अरब डॉलर के आंकड़े के पार

देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफपीआई) इक्विटी प्रवाह अप्रैल, 2000 से सितंबर, 2020 के दौरान 500 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है। इससे पता चलता है कि दुनिया में भारत की गिनती एक सुरक्षित और महत्वपूर्ण निवेश गंतव्य के रूप में होने लगी है। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के आंकड़ों के अनुसार इस अवधि में देश में 500.12 अरब डॉलर का एफडीआई आया है। इसमें से 29 प्रतिशत एफडीआई मॉरीशस रास्ते से आया है। उसके बाद सिंगापुर से 21 प्रतिशत, अमेरिका, जापान और नीदरलैंड प्रत्येक से सात-सात प्रतिशत तथा ब्रिटेन से छह प्रतिशत एफडीआई आया है। इस अवधि में भारत को मॉरीशस से 144.71 अरब डॉलर तथा सिंगापुर से 106 अरब डॉलर का एफडीआई मिला है।