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Nestle Controversy: पूरे देश से Cerelac Baby Cereals के नमूने इकट्ठा कर रहा FSSAI

स्विस एनजीओ पब्लिक आई द्वारा प्रकाशित एक वैश्विक रिपोर्ट के आधार पर खाद्य सुरक्षा नियामक FSSAI ने गुरुवार को कहा कि वह नेस्ले के सेरेलैक बेबी सीरियल के पैन इंडिया सैंपल एकत्र करने की प्रक्रिया में है। बताया जा रहा है कि कंपनी इन प्रोडक्ट में हाई शूगर एलीमेंट है। नेस्ले ने यूरोप के बाजारों की तुलना में भारत अफ्रीका और लैटिन अमेरिकी देशों में ये प्रोडक्ट पेश किया गया।

By Agency Edited By: Ankita Pandey Updated: Thu, 25 Apr 2024 01:37 PM (IST)
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Nestle Controversy: पूरे देश से Cerelac Baby Cereals के नमूने इकट्ठा कर रहा FSSAI
पीटीआई, नई दिल्ली। खाद्य सुरक्षा नियामक FSSAI ने गुरुवार को कहा कि वह नेस्ले के सेरेलैक बेबी सीरियल के पैन इंडिया सैंपल एकत्र करने की प्रक्रिया में है, एक वैश्विक रिपोर्ट के बीच दावा किया गया है कि कंपनी उत्पाद में उच्च चीनी सामग्री जोड़ रही है।

खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI ) के सीईओ जी कमला वर्धन राव ने फूड फोर्टिफिकेशन पर एसोचैम के आयोजन के दौरान मीडिया एजेंसी से कहा कि हम देश भर से नेस्ले के सेरेलैक बेबी अनाज के नमूने एकत्र कर रहे हैं। इस प्रक्रिया को पूरा करने में 15-20 दिन लगेंगे। आपको बता दें कि FSSAI स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रशासन के तहत एक वैधानिक निकाय है।

हाई शूगर एलीमेंट होने की संभावना

यह कदम स्विस एनजीओ पब्लिक आई द्वारा प्रकाशित एक वैश्विक रिपोर्ट पर ध्यान देने के बाद कंज्य मामलों के मंत्रालय और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) दोनों द्वारा व्यक्त की गई नेस्ले के शिशु खाद्य उत्पादों में हाई शूगर एलीमेंट  के बारे में चिंताओं के बाद उठाया गया है।

वैश्विक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नेस्ले ने यूरोप के बाजारों की तुलना में भारत, अफ्रीका और लैटिन अमेरिकी देशों सहित कम विकसित दक्षिण एशियाई देशों में अधिक चीनी सामग्री वाले शिशु उत्पाद बेचे।

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नेस्ले इंडिया ने कही ये बात 

हालांकि, नेस्ले इंडिया ने कहा है कि वह अनुपालन पर कभी समझौता नहीं करती है और उसने पिछले पांच वर्षों में भारत में शिशु खाद्य उत्पादों में विभिन्न प्रकार के आधार पर अतिरिक्त चीनी को 30 प्रतिशत तक कम कर दिया है।

इससे पहले, एसोचैम कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, FSSAI के सीईओ ने मानव स्वास्थ्य के लिए खाद्य फोर्टिफिकेशन के महत्व पर प्रकाश डाला और चावल से परे बाजरा और अन्य वैकल्पिक खाद्य पदार्थों को शामिल करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि एफएमसीजी कंपनियों ने पिछले कुछ वर्षों में बाजरा-आधारित उत्पादों की किस्में पेश की हैं और वे देश में पोषण संबंधी खाद्य पदार्थों की टोकरी का और विस्तार कर सकते हैं।

सीईओ ने इस अवसर पर एसोचैम की ज्ञान रिपोर्ट 'फोर्टिफाइंग इंडियाज फ्यूचर: सिग्निफिकेंस ऑफ फूड फोर्टिफिकेशन एंड न्यूट्रिशन' का भी अनावरण किया।

एलटी फूड्स ग्लोबल ब्रांडेड बिजनेस के सीईओ विवेक चंद्रा, वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के शारिका यूनुस, फोर्टिफाई हेल्थ के सीईओ टोनी सेन्याके और फार्म टू फोर्क सॉल्यूशंस के सीईओ उमेश कांबले ने भी फूड फोर्टिफिकेशन के बारे में बात की।

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