ASEAN के साथ दो साल में FTA समीक्षा पूरी होने की उम्मीद, बढ़ते व्यापार घाटे को देखते हुए भारत चाहता है समीक्षा
बढ़ते व्यापार घाटे को देखते हुए भारत आसियान (एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस) के साथ अपने पुराने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की समीक्षा को जल्द से जल्द पूरा करना चाहता है। समीक्षा की प्रक्रिया शुरू हो गई है और वर्ष 2025 तक आसियान के साथ एफटीए की समीक्षा पूरी होने की उम्मीद है। वर्ष 2010 में आसियान के साथ एफटीए हुआ था।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बढ़ते व्यापार घाटे को देखते हुए भारत आसियान (एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस) के साथ अपने पुराने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की समीक्षा को जल्द से जल्द पूरा करना चाहता है। समीक्षा की प्रक्रिया शुरू हो गई है और वर्ष 2025 तक आसियान के साथ एफटीए की समीक्षा पूरी होने की उम्मीद है।
2010 में आसियान के साथ हुआ था एफटीए
वर्ष 2010 में आसियान के साथ एफटीए हुआ था। लेकिन इस एफटीए से भारत को लाभ मिलने की जगह घाटा ही हुआ। भारत का निर्यात से ज्यादा आयात बढ़ा। क्योंकि आसियान देशों के साथ होने वाले एफटीए में भारत को समान स्तर पर वस्तुओं के शुल्क में छूट नहीं मिली। इसके अलावा आसियान देशों के रास्ते अन्य देश भी भारत में अपना माल कम शुल्क पर भेजने लगे।
2022-23 में भारत ने आसियान को किया 44 अरब डॉलर का निर्यात
चीन का आसियान के साथ मुक्त व्यापार समझौता है और चीन आसियान देशों के रास्ते भारत में अपने माल को डंप करने में कामयाब रहा है। हालांकि, सरकार की सख्ती से अब इस पर रोक लग गई है। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, गत वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने आसियान को 44 अरब डॉलर का निर्यात किया, लेकिन इस अवधि में भारत ने आसियान से 87.57 अरब डॉलर का आयात किया।
2010 में आसियान के साथ हुआ था एफटीए
आसियान के साथ एफटीए होने के बाद वित्त वर्ष 2010-11 में भारत ने आसियान को 25.7 अरब डॉलर का निर्यात किया था जबकि इस अवधि में भारत ने आसियान से 30.6 अरब डॉलर का आयात किया था। आसियान के देशों में ब्रूनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यंमार, फिलिपींस, सिंगापुर, थाईलैंड व वियतनाम शामिल हैं। कुछ साल पहले तक वियतनाम के रास्ते चीन अपने इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम को कम शुल्क पर भारत में भेजने पर कामयाब हो रहा था।
भारत के पक्ष में नहीं है समझौताः पीयूष गोयल
वर्तमान वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल कई बार यह कह चुके हैं कि भारत व आसियान के बीच होने वाला व्यापार समझौता भारत के पक्ष में नहीं है और यह समझौता बराबरी के स्तर पर नहीं हुआ। भारत को इससे घाटा हो रहा है। समीक्षा वार्ता में वस्तु के उत्पादन का मूल स्थान, सत्यापन प्रक्रिया, सीमा शुल्क प्रक्रिया, वस्तु व्यापार को उदार बनाने व व्यापार डाटा के साझा जैसे कई मुद्दों को शामिल किया जाएगा।