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इन जगहों पर सबसे ज्यादा खपाए जा रहे हैं 2000 रुपये के नोट, लेन-देन में लोगों को नहीं हो रही दिक्कत

एक सोशल नेटवर्क पब्लिक ऐप द्वारा किए गए अखिल भारतीय सर्वेक्षण में ये भी पता चला है कि 55 प्रतिशत लोग बैंक में अपने करेंसी नोट जमा करने की योजना बना रहे हैं जबकि 22 से 23 प्रतिशत लोग खर्च करने की योजना बना रहे हैं। (फाइल फोटो)।

By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Tue, 13 Jun 2023 07:32 PM (IST)
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Fuel jewellery grocery top 3 preferred items for people offloading Rs 2000 notes
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कुछ दिन पहले ही रिजर्व बैंक ने 2000 के नोट को बंद करने की घोषणा की है। इसके बाद से लोग अपने पुराने 2000 के नोटों को खपाने में जुट गए हैं। हाल ही में हुए एक सर्वे में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2000 के नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा के बाद लोगों ने इनकी खपाने के लिए फ्यूल, ज्वेलरी और किराने का सामान सबसे ज्यादा खरीदा है।

कहां खप रहे हैं 2,000 के नोट?

एक सोशल नेटवर्क पब्लिक ऐप द्वारा किए गए अखिल भारतीय सर्वेक्षण में ये भी पता चला है कि 55 प्रतिशत लोग बैंक में अपने करेंसी नोट जमा करने की योजना बना रहे हैं, जबकि 22 से 23 प्रतिशत लोग खर्च करने की योजना बना रहे हैं।

आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 19 मई को 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने की एक आश्चर्यजनक घोषणा की, लेकिन केंद्रीय बैंक ने देश की जनता को 30 सितंबर तक 2,000 रुपये के नोटों को खातों में जमा करने या उन्हें बैंकों में बदलने का समय दिया है।

RBI ने दी है काफी राहत

इसको लेकर आरबीआई ने हाल ही में सूचित किया है कि लगभग दो सप्ताह में करीब 1.8 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 2,000 रुपये के करेंसी नोटों का आधा हिस्सा बैंकिंग प्रणाली में वापस आ गया है। आपको बता दें कि RBI के आदेश के अनुसार लोग 2,000 रुपये के नोट देश की किसी भी बैंक में जमा कर सकते हैं या इसे कम मूल्यवर्ग की मुद्रा के साथ बदल सकते हैं, लेकिन एक बार में 20,000 रुपये तक के नोट को बदलने की अनुमति है।

लोगों नहीं हो रही कोई दिक्कत 

इस सर्वेक्षण में कहा गया है कि 2,000 रुपये के नोट खर्च करने के लिए लोग उपलब्ध नकदी को पेट्रोल-डीजल, सोना, आभूषण और दैनिक किराने के सामान पर खर्च कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें अपने नोट बदलने में दिक्कत आ रही थी, 61 प्रतिशत ने दावा किया कि उन्हें इस प्रक्रिया में कोई कठिनाई नहीं हुई है।

वहीं, 42 प्रतिशत उत्तरदाताओं को समय सीमा के बावजूद 2,000 रुपये के नोटों का उपयोग करते समय स्थानीय जनता से अस्वीकृति का सामना करना पड़ा है। सर्वे में शामिल 51 प्रतिशत उत्तरदाताओं की राय है कि सरकार को उन्हें अपने रुपये बदलने के लिए अधिक समय देना चाहिए था।