Reliance Future Deal : सिंगापुर में पूरी हो गई सुनवाई, अब सुप्रीम कोर्ट में चलेगा केस
Reliance Future Deal सिंगापुर अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एसआईएसी) ने फ्यूचर समूह (Future Group) और रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के बीच 24713 करोड़ रुपये के सौदे के खिलाफ ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन द्वारा दायर याचिका पर अंतिम सुनवाई पूरी की।
By Ashish DeepEdited By: Updated: Sun, 18 Jul 2021 10:32 AM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआइ। सिंगापुर अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एसआईएसी) ने फ्यूचर समूह (Future Group) और रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के बीच 24,713 करोड़ रुपये के सौदे के खिलाफ ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन द्वारा दायर याचिका पर अंतिम सुनवाई पूरी की। सूत्रों ने बताया कि एसआईएसी ने इस मामले में अपनी अंतिम सुनवाई 12 जुलाई को शुरू की थी। अब भारत में सुप्रीम कोर्ट Future और Reliance डील को लेकर 20 जुलाई को दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ Amazon की याचिका पर सुनवाई करेगा।
इस मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार एसआईएसी में गठित न्यायाधिकरण ने इस मामले में अपनी पांच दिन चली अंतिम सुनवाई का समापन कर दिया है। किशोर बियानी के नेतृत्व वाले फ्यूचर समूह का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने किया। अमेजन की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम ने कंपनी का पक्ष रखा। सूत्रों ने बताया कि इस मामले एक महीने बाद फैसला सुनाया जा सकता है।
इससे पहले इसी साल के शुरू में इस मामले पर अंतिम सुनवाई के लिए एसआईएसी ने तीन सदस्यीय मध्यस्था मंच का गठन गिया था जिसमें सिंगापुर के बैरिस्टर माइकल हवांग, अलबर्ट वान डेन बर्ग ओर जान पाउलसन को रखा गया है।
यह विवाद अगस्त 2020 में फ्यूचर समूह द्वारा करीब 24,000 करोड़ रुपये में अपने खुदरा, भंडारण और लॉजिस्टिक कारोबार को रिलायंस इंडस्ट्रीज को बेचने के समझौते की घोषणा के साथ शुरू हुआ था।
फ्यूचर समूह की कंपनी फ्यूचर कूपन्स लिमिटेड में निवेश करने वाली ई-कामर्स कंपनी अमेजन ने कहा कि वह इस हिस्सेदारी के नाते फ्यूचर रिटेल की भी हिस्सेदार है। फ्यूचर कूपन्स की फ्यूचर रिटेल में 7.3 प्रतिशत हिस्सेदारी है।अमेजन ने इस सदौने को एसआईएसी में अक्टूबर में चुनौती दी। उसकी अर्जी पर मध्यस्था अदालत ने रिलायंस-फ्यूचर सौदे पर अंतरिम रोक लगा दी।
फ्यूचर समूह ने एसआईएसी के फोरम के अंतरिम निर्णय को दिल्ली उच्च न्यायालय में मध्यस्था न्यायाधिकरण के अधिकार क्षेत्र और कुछ अन्य आधारों पर चुनौती दी थी। वहां से मामला उच्चतम न्यायालय तक चला गया है।
उच्चतम न्यायालय में मामले की सुनवाई कर रही तीन सदस्यीय पीठ ने सुनवाई की अगली तारीख 20 जुलाई तय की है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इस करार को पुरा करने के लिए प्रतीक्षा की लम्बी अवधि बढ़ा कर 30 सितंबर 2021 तक कर दी है।