अब विकासशील देशों की दृष्टि से आगे बढ़ेगा ग्लोबल एजेंडा, G20 की बैठक में बोलीं - वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
G20 Submit गुजरात के गांधीनगर में जी20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की तीसरी बैठक की प्रेंस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जी20 के तहत भारत ग्लोबल एजेंडा को विकासशील देशों की दृष्टि से बढ़ाएगा। इस दौरान उन्होंने एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक के प्रमुख से भी मुलाकात कीं। (जागरण फाइल फोटो)
By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Sun, 16 Jul 2023 05:05 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से रविवार को कहा गया कि जी20 के तहत भारत ग्लोबल एजेंडा को विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था की दृष्टि से आगे बढ़ाएगा। भारत मौजूदा समय में जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है।
गुजरात के गांधीनगर में जी20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की तीसरी बैठक में सीतारमण ने कहा कि मुझे लगता है कि यह डायलॉग वैश्विक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता में योगदान करते हुए भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के बीच कॉरपोरेशन को बेहतर करेगा।
भारत और इंडोनेशिया की अर्थव्यवस्था में समानताएं
इस दौरान सीतारमण ने कहा कि भारत और इंडोनेशिया की अर्थव्यवस्था दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हैं। हम जी-20, डब्लूटीओ और ईस्ट एशिया सबमिट का हिस्सा है। भारत ने जी20 की अध्यक्षता इंडेनेशिया से ली है। हम अपनी अध्यक्षता में कई अहम मुद्दों को जी 20 में रखेंगे।
एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक को दी सलाह
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (Asian Infrastructure Investment Bank (AIIB)) को सुझाव दिया गया कि सदस्य देशों की इन्फ्रास्ट्रक्चर आवश्यकता को देखते हुए फाइनेंस के इनोवेटिव तरीकों को उपयोग करना चाहिए।सीतारण की ओर से AIIB अध्यक्ष जिन लिकुन से मुलाकात भी की और इस दौरान कई अन्य वैश्विक मुद्दों पर भी उनके साथ बातचीत की गई। साथ ही उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और भारत के अन्य सीमावर्ती राज्यों में भारतीय परियोजनाओं की मंजूरी से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की। AIIB इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी परियोजनाओं को फाइनेंस करता है।
इसके साथ ही उन्होंने भारत की जी20 की अध्यक्षता के समर्थन के लिए AIIB की सराहना की। साथ ही उन्होंने एमबीडी सुधारों की आवश्यकता और एमबीडी के बीच समन्वय और सहयोग के महत्व पर भी जोर दिया।