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भारत से फिर बढ़ रहा गारमेंट निर्यात, चीन को मिलेगी टक्कर, रोजगार के मोर्चे पर भी होगा फायदा

गारमेंट निर्यातकों के मुताबिक यूरोप और अमेरिका से निकलने वाली मांग में तेजी के साथ चीन को मिलने वाले ऑर्डर भी भारत की ओर शिफ्ट हो रहे हैं। हालांकि अभी यह काफी कम है लेकिन इसकी शुरुआत हो चुकी है। गारमेंट निर्यात बढ़ने से फैब्रिक और यार्न की मांग भी बढ़ेगी। सरकार ने वर्ष 2030 तक गारमेंट निर्यात को 40 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Sun, 30 Jun 2024 07:45 PM (IST)
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पिछले वित्त वर्ष में गारमेंट निर्यात सिर्फ 14.5 अरब डॉलर रहा।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पूरे एक साल के बाद फिर से गारमेंट निर्यात में तेजी का सिलसिला शुरू हुआ है, जो पूरे टेक्सटाइल उद्योग के साथ रोजगार सृजन के लिए अच्छी खबर है। निर्यात के नए आर्डर को देखते हुए फिर से गारमेंट उद्योग में नई भर्तियां शुरू हो गई हैं। पिछले वित्त वर्ष यानी 2023-24 की अवधि में सभी प्रकार के गारमेंट निर्यात में पूर्व के वित्त वर्ष 2022-23 के मुकाबले 10.25 प्रतिशत की गिरावट रही।

इस साल अप्रैल में भी गारमेंट निर्यात में पिछले साल अप्रैल की तुलना में 1.03 प्रतिशत की गिरावट रही। हालांकि मई में गारमेंट निर्यात में 9.84 प्रतिशत का इजाफा हुआ। निर्यातकों का कहना है कि नए आर्डर को देखते हुए आगामी महीनों में भी यह बढ़ोतरी बरकरार रहेगी।

40 अरब डॉलर का होगा गारमेंट निर्यात

गारमेंट निर्यातकों के मुताबिक यूरोप और अमेरिका से निकलने वाली मांग में तेजी के साथ चीन को मिलने वाले ऑर्डर भी भारत की ओर शिफ्ट हो रहे हैं। हालांकि अभी यह काफी कम है, लेकिन इसकी शुरुआत हो चुकी है। गारमेंट निर्यात बढ़ने से फैब्रिक और यार्न की मांग भी बढ़ेगी।

चालू वित्त वर्ष 2024-25 में गारमेंट निर्यात को बढ़ाने के लिए अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (एईपीसी) ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। सरकार ने वर्ष 2030 तक गारमेंट निर्यात को 40 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है जबकि गत वित्त वर्ष में गारमेंट निर्यात सिर्फ 14.5 अरब डॉलर रहा।

क्या कह रही है गारमेंट इंडस्ट्री

एईपीसी के चेयरमैन सुधीर सेखरी का कहना है कि गारमेंट के निर्यात को बढ़ाने के लिए चालू वित्त वर्ष में दुनियाभर में होने वाले 17 अंतरराष्ट्रीय मेले में भारत के निर्यातक हिस्सा लेंगे। इस साल हम लोग सऊदी अरब, पोलैंड, मैक्सिको, ब्राजील, रूस व दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों के बाजार में निर्यात बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के साथ हुए व्यापार समझौते का भी निर्यातकों को लाभ मिलेगा। आस्ट्रेलिया के साथ एफटीए होने के बाद वहां होने वाले गारमेंट निर्यात में 16.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

वहीं, नोएडा के गारमेंट निर्यातक ललित ठुकराल का कहना है कि निर्यात के आर्डर पहले की तुलना में अधिक मिल रहे हैं और फिर से निर्यातकों ने नए कारीगरों को काम पर रखना शुरू कर दिया है। पिछले साल निर्यात आर्डर कम होने से उत्पादन में भी कमी आ गई थी, जिससे नए श्रमिकों की भर्ती नहीं हुई थी।

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