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किसानों पर भी पड़ेगा गैस कीमत में बढ़ोतरी का बोझ

घरेलू ब्लॉक से निकाली जाने वाली प्राकृतिक गैस की कीमत तय करने का नया फॉर्मूला देर-सबेर देश के किसानों पर भारी पड़ेगा। इसके तहत अगले वित्त वर्ष की शुरुआत में प्राकृतिक गैस की कीमत मौजूदा 4.2 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू (गैस मापने की यूनिट) से बढ़कर

By Edited By: Updated: Tue, 14 Jan 2014 08:10 PM (IST)
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जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। घरेलू ब्लॉक से निकाली जाने वाली प्राकृतिक गैस की कीमत तय करने का नया फॉर्मूला देर-सबेर देश के किसानों पर भारी पड़ेगा। इसके तहत अगले वित्त वर्ष की शुरुआत में प्राकृतिक गैस की कीमत मौजूदा 4.2 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू (गैस मापने की यूनिट) से बढ़कर 8.4 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू हो जाने के आसार हैं। इससे यूरिया बनाने की लागत में 5,500 रुपये प्रति टन का इजाफा संभव है। खाद की बढ़ी हुई कीमत का बोझ अंतत: किसानों के सर ही डाला जाएगा।

रसायन व उर्वरक मंत्रालय ने गैस कीमत में वृद्धि पर अपनी चिंताओं से वित्त मंत्रालय व पेट्रोलियम मंत्रालय को हाल ही में अवगत कराया है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि गैस के दाम बढ़ने से उर्वरक उद्योग पर व्यापक असर पड़ने जा रहा है। यह अनुमान है कि एक डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की कीमत वृद्धि से उर्वरक (फर्टिलाइजर) के दाम में 1,384 रुपये प्रति टन का इजाफा हो जाता है। चार डॉलर का मतलब हुआ 5,536 रुपये प्रति टन की अतिरिक्त लागत। इस हिसाब से देखा जाए तो घरेलू उर्वरक कंपनियों की लागत (क्षमता 2.20 करोड़ टन सालाना) में सीधे तौर पर लगभग 11,100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। यह तो शुरुआती लागत है। नए फॉर्मूले में हर तीन माह में गैस की कीमत बढ़ाने या संशोधित करने का प्रावधान है।

अब यह अगली सरकार को तय करना होगा कि वह यूरिया की बढ़ी हुई कीमत का कितना बोझ किसानों पर डालती है और कितना बतौर सब्सिडी स्वयं उठाती है। आगामी आम चुनाव के बाद केंद्र में जिसकी भी सरकार बनेगी, उसे गैस कीमत वृद्धि का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। सबसे पहले उर्वरक की बढ़ी हुई लागत के बारे में ही फैसला करना होगा। गैस मूल्य दोगुना होने से देश भर में सीएनजी की कीमत में 12 रुपये प्रति किलो तक की वृद्धि संभावित है। गैस कीमत बढ़ोतरी से महंगी बिजली का मुद्दा भी अगली सरकार को सुलझाना होगा। बिजली मंत्रालय का अनुमान है कि गैस आधारित बिजली की दरों में दो रुपये प्रति यूनिट तक की वृद्धि हो सकती है। यह हर साल होने वाली सामान्य बढ़ोतरी के अलावा होगी।

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गैस मूल्य बढ़ने का असर

1. गैस आधारित बिजली की दरों में दो रुपये प्रति यूनिट तक की वृद्धि।

2. चार डॉलर बढ़ने से यूरिया की लागत में 5,500 रुपये/टन का इजाफा।

3. गैस आधारित तीन बड़े स्टील प्लांटों की लागत भी बढ़ेगी।

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