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AGM में गौतम अदाणी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट का किया जिक्र, बोले- हमें बदनाम करने के लिए उछाला गया था मामला

अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले साल अदाणी ग्रुप की वित्तीय स्थिति पर एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें उसने स्टॉक की कीमतों में हेरफेर और टैक्स हेवन का गलत इस्तेमाल करने जैसे कई गंभीर आरोप लगाए थे। उसके बाद अदाणी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। गौतम अदाणी का कहना है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट का मकसद हमें बदनाम करना था।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Mon, 24 Jun 2024 02:41 PM (IST)
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हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अदाणी ग्रुप के शेयरों में बड़ी गिरावट आई थी।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अरबपति कारोबारी गौतम अदाणी का कहना है कि हिंडनबर्ग मामला अदाणी एंटरप्राइजेज को बदनाम करने की नीयत से रचा गया था। अदाणी ग्रुप के मालिक ने यह बात अदाणी एंटरप्राइजेज की 32वीं एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) में कही।

अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले साल अदाणी ग्रुप की वित्तीय स्थिति पर एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें उसने स्टॉक की कीमतों में हेरफेर और टैक्स हेवन का गलत इस्तेमाल करने जैसे कई गंभीर आरोप लगाए थे। उसके बाद अदाणी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। गौतम अदाणी ने कहा, 'हिंडनबर्ग रिपोर्ट का मकसद हमें बदनाम करना था। यह दोतरफा हमला था, हमारी वित्तीय स्थिति पर अस्पष्ट आलोचना थी।'

उन्होंने आगे कहा कि अदाणी ग्रुप न सिर्फ बचा, बल्कि और भी मजबूत होकर उभरा। इससे साबित हुआ कि कोई भी बाधा उसे कमजोर नहीं कर सकती। अदाणी ने कहा, 'विदेशी शॉर्ट सेलर्स ने हमारी ईमानदारी और प्रतिष्ठा पर हमला किया। हमने उसके खिलाफ लड़ाई लड़ी। हमारी जीत ने साबित किया कि कोई भी चुनौती अदाणी ग्रुप की नींव को कमजोर नहीं कर सकती।'

अदाणी ग्रुप को अदालत से भी क्लीन चिट

गौतम अदाणी ने इस बात पर भी जोर दिया कि अदाणी ग्रुप के लिए निवेशकों का भरोसा और उनका हित सबसे ऊपर है। अमेरिकी शॉर्ट सेलर के आरोपों के बाद अदाणी ग्रुप ने निवेशकों को FPO के माध्यम से जुटाए गए 20,000 करोड़ रुपये वापस कर दिए थे।

इस साल की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने अदाणी समूह को क्लीन चिट दे दी और सेबी की शक्तियों पर भरोसा जताते हुए सभी आरोपों को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ता इस बात का पर्याप्त सबूत नहीं उपलब्ध करा पाए कि अदाणी-हिंडनबर्ग मामले को जांच के लिए स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम को क्यों सौंपा जाए।

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