Gautam Adani: जिस कॉलेज ने नहीं दिया दाखिला, उसी ने लेक्चर के लिए भेजा निमंत्रण; अदाणी ने सुनाए कामयाबी के किस्से
Gautam Adani Sucess Story दुनिया के अरबपतियों की लिस्ट में गौतम अदाणी (Gautam Adani) का नाम भी शामिल है। गौतम अदाणी ने 16 साल के बाद पढ़ाई को छोड़कर बिजनेस में हाथ आजमाया । टीचर्स डे के मौके पर गौतम अदाणी ने मुंबई के कॉलेज में लेक्चर दिया। यह वही कॉलेज है जिस कॉलेज ने अदाणी के एडमिशन को रिजेक्ट कर दिया था।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। देश के अरबपतियों की लिस्ट में गौतम अदाणी (Gautam Adani) का नाम भी शामिल है। जब भी दुनिया में अरबपतियों की लिस्ट आती है तो भारतीय अरबपतियों का भी जिक्र किया जाता है। गौतम अदाणी ने कामयाबी की बुलंदियों को हासिल करने में कई चुनौतियों का सामना किया है। गौतम अदाणी ने शिक्षक दिवस के मौके पर इन चुनौतियों का जिक्र किया।
अदाणी ने किन चुनौतियों का सामना किया है, यह बताने से पहले उन्होंने कॉलेज का एक किस्सा बताया। दरअसल, गौतम अदाणी जिस कॉलेज में लेक्चर दे रहे थे, उसी कॉलेज ने उन्हें एडमिशन नहीं दिया था।
कॉलेज ने नहीं दिया था एडमिशन
गौतम अदाणी ने अपनी कामयाबी से जुड़े कई किस्से सुनाए। उन्होंने बताया कि 1970 में वह अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए मुंबई आए थे। मुंबई के कॉलेज में उन्होंने आवेदन दिया, लेकिन उनके आवेदन को स्वीकार नहीं किया। कॉलेज में एडमिशन न मिलने की वजह से उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी नहीं की और वह वापस अपने शहर लौट गए।आज उसी कॉलेज ने उन्हें वापस बुलाया। जी हां, इस कॉलेज का नाम जय हिंद है। कॉलेज के एडमिशन को लेकर पूर्व छात्रों के संघ के चेयरमैन विक्रम नानकानी ने बताया गौतम अदाणी 16 साल की उम्र में एडमिशन के लिए आए है। गौतम अदाणी ने जय हिंद कॉलेज में एडमिशन के लिए आवेदन दिया था। नानकानी ने बताया कि गौतम अदाणी के बड़े भाई विनोद अदाणी (Vinod Adani) भी इसी कॉलेज में पढ़े थे।‘ब्रेकिंग बाउंड्रीज़: द पावर ऑफ पैशन एंड अनकन्वेंशनल पाथ्स टू सक्सेस’ पर गौतम अदाणी ने कहा कि उन्होंने 16 साल की उम्र में पहली बार सीमा तोड़ने का फैसला लिया था। गौतम अदाणी ने खुद बताया कि उन्होंने 16 साल की उम्र में पढ़ाई-लिखाई छोड़कर बिजनेस शुरू किया था।
गौतम अदाणी बताते हैं कि कई लोग मेरी पढ़ाई छोड़ने और मुंबई जाने की वजह पूछते हैं। इस सवाल का जवाब है कि मुंबई ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है। मुंबई एक तरह से मेरा ट्रेनिंग प्लेस था। यहां मैंने सीखा है कि बिजनेस कैसे करते हैं। इसके अलावा इस मायानगरी ने मुझे बड़ा सोचना भी सिखाया है।