उम्मीद से तेज रही अर्थव्यवस्था की रफ्तार, 7.9 फीसद रही देश की आर्थिक विकास दर
भारतीय अर्थव्यवस्था ने जनवरी से मार्च के बीच 7.9 फीसद की आर्थिक विकास दर हासिल की है। यह केंद्र सरकार के लिए काफी अच्छे संकेत हैं।
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। कुछ दिन पहले ही विश्व बैंक प्रमुख ने भारतीय अर्थव्यवस्था को मंदी से ग्रस्त दुनिया में एक चमकते सितारे के तौर पर चिन्हित किया था। केंद्र सरकार ने मंगलवार को पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही और पूरे वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था की दशा व दिशा की जो तस्वीर पेश की है उससे साफ है कि भारत की आर्थिक विकास दर तमाम अर्थविदों की उम्मीद से भी बेहतर रहेगी। जनवरी से मार्च, 2016 की तिमाही में आर्थिक विकास दर की रफ्तार 7.9 फीसद रही है जबकि वर्ष 2015-16 में यह दर 7.6 फीसद रहने का अनुमान है। कहने की जरुरत नहीं है कि दुनिया की किसी भी विकसित या विकासशील देश ने इतनी तेजी से वृद्धि दर हासिल नहीं की है।
विश्व के 10 सबसे अमीर देशों में शामिल हुआ भारत, कनाड़ा-आस्ट्रेलिया को पछाड़ाआठ प्रमुख उद्योगों ने प्रदर्शन के मामले में एक बार फिर छलांग लगायी है। अप्रैल 2016 में इन उद्योगों की वृद्धि दर 8.5 फीसद दर्ज की गई है। इस प्रदर्शन में उर्वरक, स्टील, सीमेंट और बिजली क्षेत्र के बढि़या प्रदर्शन का खासा योगदान रहा। आठ प्रमुख उद्योगों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, स्टील, सीमेंट और बिजली क्षेत्र शामिल हैं। बीते साल अप्रैल में इन आठों उद्योगों के उत्पादन में 0.2 फीसद की गिरावट दर्ज की गई थी। इस साल अप्रैल का प्रदर्शन मार्च 2016 की 6.4 फीसद वृद्धि दर से भी अधिक रहा है। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में रिफाइनरी उत्पादों के उत्पादन में 17.9 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है। जबकि अप्रैल 2015 में इस क्षेत्र के उत्पादन में 2.9 फीसद की गिरावट रही थी।
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इसी तरह उर्वरक, सीमेंट, स्टील और बिजली के उत्पादन में भी वृद्धि हुई है। अप्रैल में उर्वरक क्षेत्र में 7.8 फीसद की वृद्धि दर दर्ज की गई है। जबकि स्टील के उत्पादन में 6.1 फीसद की, सीमेंट में 4.4 फीसद की और बिजली के उत्पादन में इस महीने 14.7 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है। कोयला, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में अप्रैल 2016 में गिरावट दर्ज की गई है। रेटिंग एजेंसी इक्रा की सीनियर इकोनोमिस्ट अदिति नायर ने प्रमुख उद्योगों के अच्छे प्रदर्शन की वजह बीते वर्ष के खराब प्रदर्शन को बताया है। नायर के मुताबिक पिछले साल अप्रैल में रिफाइनरी उत्पादों और बिजली के उत्पादन में तेज गिरावट दर्ज की गई थी। लिहाजा इस बार इन दोनों क्षेत्रों का प्रदर्शन ज्यादा बेहतर दिख रहा है।