साल 2022 में 9.5 फीसद के रफ्तार से आगे बढ़ सकती है भारत की GDP: UBS
स्विस ब्रोकरेज फर्म UBS सिक्योरिटीज ने सितंबर में चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास अनुमान को संशोधित करके 8.9 फीसद से 9.5 फीसद का कर दिया है। UBS सिक्योरिटीज के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023 में अर्थव्यवस्था की रफ्तार 7.7 फीसद की रह सकती है
By Abhishek PoddarEdited By: Updated: Thu, 18 Nov 2021 09:02 AM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। स्विस ब्रोकरेज फर्म UBS सिक्योरिटीज ने उम्मीद से ज्यादा तेजी, उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ने और खर्च में बढ़ोतरी का हवाला देते हुए सितंबर में चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास अनुमान को संशोधित करके 8.9 फीसद से 9.5 फीसद का कर दिया है। UBS सिक्योरिटीज के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023 में अर्थव्यवस्था की रफ्तार 7.7 फीसद की रह सकती है, जबकि इसके वित्तीय वर्ष 2024 में 6 फीसद तक रहने की संभावना है। Reserve Bank Of India ने भी मौजूदा वित्त वर्ष में 9.5 फीसद GDP वृद्धि का अनुमान लगाया है जबकि, औसत अनुमान 8.5 से 10 फीसद के बीच है। वहीं, सरकार ने 10 फीसद वृद्धि का अनुमान लगाया है। वित्त वर्ष 2022 की जून तिमाही के दौरान GDP में 20.1 फीसद की वृद्धि देखने को मिली थी।
सितंबर की अपनी समीक्षा में UBS ने कहा कि मौसमी रूप से समायोजित क्रमिक आधार पर, जून के महीने में वास्तविक GDP में 12.4 फीसद की गिरावट देखने को मिली थी। पिछले वर्ष समान अवधि के दौरान GDP में 26 फीसद की गिरावट देखने को मिली थी। वित्त वर्ष 2022 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का अनुमान 9.2 फीसद के मुकाबले 8.9 फीसद तक रह सकता है। UBS सिक्योरिटीज इंडिया की मुख्य अर्थशास्त्री तनवी गुप्ता जैन ने बुधवार को कहा कि, अर्थव्यवस्था प्रगतिशील रूप से फिर से शुरू हो रही है और दूसरी लहर से रिकवरी हमारी अपेक्षा से अधिक स्पष्ट है। जिस वजह से इस वित्तीय वर्ष में GDP के उम्मीद से अधिक रहने की उम्मीद है। अर्थव्यवस्था तीसरी तिमाही में 9-10 फीसद और चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 6-6.5 फीसद की दर से बढ़ेगी।
ब्रोकरेज के अनुसार, महामारी और बैलेंस शीट की चिंताओं के कारण साल 2017 में 7 फीसद से अधिक की तुलना में वर्तमान समय में संभावित वृद्धि धीमी होकर 5.75-6.25 फीसद की रह गई है। ऐशी उम्मीद भी की जा रही है कि, वित्त वर्ष 2022 में सीपीआई घटकर 4.8 फीसद हो जाएगा, जो वित्त वर्ष 2022 में 5.4 फीसद का था। ऐसी उम्मीद है कि, आर्धिक सुधारों को गति देने के लिए RBI धीरे धीरे अपनी सुधार नीतियों को लागू करना भी शुरू करेगी।