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बैंकों के लिए पैसा छापने की मशीन बनेगा जेनरेटिव AI? 6 फीसदी तक बढ़ सकती है कमाई

ग्लोबल रेटिंग एजेंसियां पिछले कुछ समय से बैंकिंग सेक्टर की मुश्किलें बढ़ने की आशंका जता रही हैं। लेकिन आईटी कंपनी एक्सेंचर (Accenture) का दावा है कि बैंक जेनरेटिव एआई (GenAI) की अपनी मदद से अपने कर्मचारियों की Productivity को काफी बेहतर कर सकते हैं और इससे उनके रेवेन्यू में भी तगड़ा इजाफा होगा। आइए जानते हैं कि जेनरेटिव एआई से बैंकों की कमाई कैसे बढ़ेगी।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Tue, 30 Apr 2024 04:16 PM (IST)
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जेनरेटिव AI बैंक कर्मचारियों की Productivity को काफी ज्यादा बढ़ा सकती है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पिछले कुछ समय से ग्लोबल रेटिंग एजेंसियां बैंकिंग सेक्टर की मुश्किलें बढ़ने की आशंका जता रही हैं। लेकिन, आईटी कंपनी एक्सेंचर (Accenture) का दावा है कि बैंक जेनरेटिव एआई (GenAI) की अपनी मदद से अपने कर्मचारियों की कार्यकुशलता (Productivity) को काफी बेहतर कर सकते हैं और इससे उनके रेवेन्यू में भी तगड़ा इजाफा होगा।

एक्सेंचर ने सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध डेटा का विश्लेषण करके यह पता लगाने की कोशिश की है कि जेनरेटिव एआई का बैंकिंग कामकाज पर क्या असर पड़ने वाला है। बैंक ने अपना निष्कर्ष दुनियाभर के 150 से अधिक बड़े बैंकों के तीन वर्षों से अधिक टास्क को आधार बनाकर निकाला है। इसमें भारत के भी सरकारी और प्राइवेट सेक्टर बैंक शामिल हैं।

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जल्दी GenAI अपनाने पर फायदा

एक्सेंचर की रिसर्च बताती है, 'जो भी बैंक अपने पूरे ऑर्गनाइजेशन में जेनरेटिव एआई का जाल तेजी से बिछा लेंगे, उनका रेवेन्यू तीन साल में 600 बेसिस पॉइंट्स तक का इजाफा हो जाएगा। इस काम को प्रभावी तरीके से करने वाले बैंकों के कर्मचारियों की कार्यकुशलता 30 फीसदी तक बढ़ जाएगी।'

स्टडी के मुताबिक, 'जेनरेटिव एआई से बैंकों की ऑपरेटिंग इनकम 20 प्रतिशत बढ़ जाएगी। वहीं, इक्विटी लेवल पर रिटर्न 3 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। इससे बैंक अपना कामकाज ज्यादा कुशलता से कर पाएंगे। टेक्नोलॉजी से उनकी लागत भी 1-2 प्रतिशत बढ़ जाएगी। वहीं कॉस्ट-टु-इनकम रेशियो में 4 प्रतिशत तक कमी आएगी।'

लॉन्ग टर्म के लिए बनाएं रणनीति

हालांकि, बैंकों को जेनरेटिव एआई का पूरा फायदा उठाने के लिए लंबी अवधि को ध्यान में रखकर रणनीति बनानी होगी। उन्हें टेक्नोलॉजी से जुड़े बेहतर टैलेंट हायर करने होंगे। एक्सेंचर ने कहा कि बैंकों को पारंपरिक कामकाज के तरीके को बदलने के डेटा की एक मजबूत बुनियाद रखने की जरूरत होगी।

(पीटीआई से इनपुट के साथ)