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Gig Workers: असंगठित श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा का इंतजाम करेगी सरकार, बड़ी कंपनियों को देना होगा वित्तीय योगदान

असंगठित सेक्टर में काम करने वाले श्रमिकों के साथ सभी प्रकार के गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स की सामाजिक सुरक्षा के लिए सरकार फंड की स्थापना करेगी। गिग वर्कर्स से काम लेने वाली कंपनियों को अपनी कमाई का एक से दो प्रतिशत तक का योगदान देना पड़ सकता है। सरकार के श्रम कानून की अवहेलना करने वाली कंपनियों से लिया जाने वाला जुर्माना भी सामाजिक सुरक्षा फंड में जमा होगा।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Mon, 06 May 2024 07:52 PM (IST)
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गिग वर्कर्स से काम लेने वाली कंपनियों को अपनी कमाई का 1-2% तक का योगदान देना पड़ सकता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। असंगठित सेक्टर में काम करने वाले श्रमिकों के साथ सभी प्रकार के गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स की सामाजिक सुरक्षा के लिए सरकार फंड की स्थापना करेगी। गिग वर्कर्स से काम लेने वाली कंपनियों को अपनी कमाई का एक से दो प्रतिशत तक का योगदान देना पड़ सकता है। सरकार जो श्रम कानून ला रही है, उसकी अवहेलना करने वाली कंपनियों से जुर्माने में ली जाने वाली राशि भी सामाजिक सुरक्षा फंड में जमा होगी।

सभी गिग वर्कर्स का पंजीयन अनिवार्य होगा और उनके पंजीयन की जिम्मेदारी भी इनसे काम लेने वाली कंपनियों की हो सकती है। केंद्र सरकार असंगठित सेक्टर एवं सभी गिग वर्कर्स को इलाज से लेकर भविष्य निधि जैसी सुविधा देने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक सुरक्षा बोर्ड का गठन कर सकती है। अस्पताल में इलाज की सुविधा गिग वर्कर्स के साथ उनके परिवार को भी दी जाएगी।

क्या है सरकार की योजना?

इस काम को अंजाम देने के लिए पिछले कुछ दिनों से श्रम व रोजगार मंत्रालय में लगातार मंथन चल रहा है और जल्द ही इस नियम को अंतिम रूप दिया जा सकता है जिस पर नई सरकार अपनी मुहर लगाएगी। सूत्रों के मुताबिक सरकार लागू के लिए तैयार श्रम संहिता के चार पार्ट के महत्वपूर्ण नियमों को मिलाकर एक नई संहिता ला रही है और गिग वर्कर्स की सामाजिक सुरक्षा इस नई संहिता का हिस्सा है। निर्माण से जुड़ी कंपनियों से सामाजिक सुरक्षा कोष के लिए सेस वसूले जा सकते हैं।

गिग वर्कर्स मुख्य रूप से विभिन्न सेक्टर में उनकी मांग के मुताबिक दिहाड़ी पर काम करने वाले श्रमिकों को कहा जाता है। वैसे ही, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या एप जैसे कि जोमैटो, स्विगी, ओला, उबर के लिए काम करने वाले प्लेटफॉर्म वर्कर्स को भी पूरी सामाजिक सुरक्षा दी जाएगी।

घरेलू सहायकों को भी सामाजिक सुरक्षा

सरकार घरों में काम करने वाले सहायक या सहायिका की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी योजना बना रही है। इसके तहत सरकार घरों के मालिक से इनकी सामाजिक सुरक्षा के लिए आर्थिक योगदान की अपील कर सकती है। जैसे कि अगर आपके घर में कोई खाना पकाने वाला आता है और वह अटल पेंशन योजना से जुड़ा है तो आप उसकी किस्त भर सकते हैं।

मंत्रालय का मानना है कि लोग अपने घरों में काम करने वालों को दिवाली, होली या कई अन्य मौके पर उपहार या राशि देते हैं। इसकी जगह वह इनकी सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी वित्तीय जिम्मेदारी ले सकते हैं। काम छोड़ देने पर यह जिम्मेदार उस घर मालिक की हो जाएगी जिनके यहां वह काम शुरू करेगा।

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