Go First Airlines: यात्रियों के लिए बड़ी राहत, एयरलाइन को करना होगा किराये का रिफंड; 15 मई तक नहीं होगी बुकिंग
डीजीसीए ने गो फर्स्ट एयरलाइंस को आदेश दिया है कि वह बुक हो चुके टिकटों का रिफंड निर्धारित समय-सीमा के अंदर जारी करे। यह उन यात्रियों के लिए राहत की बात है जिन्होंने इस एयरलाइन में टिकट बुक किया है।
By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Thu, 04 May 2023 01:15 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Go First Airlines: दिवालिया हो चुकी गो फर्स्ट एयरलाइन्स को यात्रियों से वसूल के किए गए किराये का पूरा भुगतान करना होगा। डीजीसीए ने गो फर्स्ट से मिली प्रतिक्रिया की जांच करने के बाद ये आदेश दिया है। डीजीसीए ने एक आदेश में कहा है कि ये फैसला वर्तमान नियमों में दी गई व्यवस्था के तहत किया गया है।
डीजीसीए ने विमान कंपनी को निर्देश दिया है कि वह यात्रियों को जल्द से जल्द रिफंड जारी कर दे। आपको बता दें कि कैश की कमी झेल रही इंडियन एयरलाइन गो फर्स्ट एयरवेज ने मंगलवार को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में स्वैच्छिक दिवालिया समाधान कार्यवाही के लिए आवेदन किया है। गो फर्स्ट एयरवेज ने मंगलवार को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को सूचित किया था कि 3 मई, 4 मई और 5 मई को विमानन कंपनियों की सभी उड़ानें रद्द रहेंगी।
गो फर्स्ट पर टिकट बुक कराने वाले यात्रियों का क्या होगा?
गो फर्स्ट ने कहा है कि भुगतान के ओरिजनल पेमेंट माध्यम से धनवापसी की जाएगी। इसका मतलब यह है कि अगर किसी यात्री ने किसी ट्रैवल एजेंट के माध्यम से टिकट बुक किया है तो राशि वापस ट्रैवल एजेंट को जमा कर दी जाएगी और यात्री को ट्रैवल एजेंट से इसे वापस लेने का दावा करना होगा। गो-फर्स्ट के साथ सीधी बुकिंग के मामले में राशि सीधे यात्री के खाते में जमा की जाएगी।
15 मई तक नहीं होगी टिकटों की बिक्री
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के समक्ष स्वैच्छिक दिवालियापन के लिए आवेदन करने के कुछ दिनों बाद गो फर्स्ट ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय को सूचित किया है कि उसने 15 मई तक टिकटों की बिक्री को निलंबित कर दिया है। एयरलाइन ने कहा है कि उसने 9 मई तक उड़ानें निलंबित कर दी हैं।डीजीसीए ने कहा कि उसने गो फर्स्ट की प्रतिक्रिया की जांच की है और नियमों के तहत एक आदेश जारी किया है, जिसमें उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे निर्धारित समयसीमा के अनुसार यात्रियों को रिफंड जारी करें। एनसीएलटी के समक्ष सुनवाई के दौरान, एयरलाइन ने ट्रिब्यूनल से कहा है कि एनसीएलटी याचिका को स्वीकार नहीं करता है तो मोराटोरियम के रूप में एक अंतरिम राहत प्रदान की जाए।