Godrej Group का 126 वर्षों का कारोबारी सफर, ताले से शुरू होकर रियल एस्टेट और अंतरिक्ष तक पहुंचा बिजनेस
Godrej Group गोदरेज ग्रुप की स्थापना अर्देशिर गोदरेज द्वारा 1897 में की गई थी। मौजूदा समय में गोदरेज का कारोबार फर्नीचरताले रियल एस्टेट केमिकल जनरल और हेवी इंजीनियरिंग होम एवं पर्सनल केयर इन्फ्रा-लॉजिस्टिक पावर और एनर्जी तक फैल गया है। वैश्विक स्तर पर कंपनी के पास 1.1 अरब ग्राहक हैं। ग्रुप की कुल आय 4.1 अरब डॉलर है। (जागरण ग्राफिक्स)
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। गोदरेज आज पूरी दुनिया में जानामाना करोबारी ग्रुप है। कंपनी का कारोबार फर्नीचर,ताले, रियल एस्टेट, केमिकल, जनरल और हेवी इंजीनियरिंग, होम एवं पर्सनल केयर, इन्फ्रा-लॉजिस्टिक, पावर और एनर्जी और एयरोस्पेस आदि में फैला हुआ है।
गोदरेज की वेबसाइट के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर ग्रुप के पास 1.1 अरब ग्राहक हैं। ग्रुप की आय 4.1 अरब डॉलर पर पहुंच गई है। आइए जानते हैं कैसे शुरू हुआ गोदरेज का सफर।
कैसे हुई गोदरेज ग्रुप की शुरुआत?
गोदरेज ग्रुप की स्थापना अर्देशिर गोदरेज ने वकालत का पेशा छोड़कर वर्ष 1897 में ताला बनाने के कारोबार से बकी थी। इससे पहले उनका सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट का कारोबार फ्लॉप हो गया है।
ताले बनाकर सफल कारोबारी बने अर्देशिर गोदरेज
19वीं सदी में भारत में ताले इंग्लैंड से आयात किए जाते हैं। इंग्लैंड से आने वाले तालों में एक स्प्रिंग लगी होती थी, जिसके कारण ये टूट जाते थे। अर्देशिर गोदरेज ने इस कमी को पहचान लिया और बॉम्बे (मुंबई) में ताला बनाना शुरु कर दिया। गोदरेज के ताले की खास बात यह थी कि ये न सिर्फ इंग्लैंड से आने वाले ताले से सस्ता था। बल्कि आसानी से टूटता भी नहीं था। इसके बाद गोदरेज ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और कारोबार को तेजी से आगे बढ़ाते चले गए।
1918 में लॉन्च किया स्वेदेशी साबुन
अर्देशिर गोदरेज स्वेदेशी आंदोलन के काफी बड़े समर्थक माने जाते थे। इसी से प्रेरित होकर उनकी कंपनी ने छवि नाम से साबुन लॉन्च किया। यह वेजिटेबल ऑयल से बना दुनिया का पहला साबुन था, जिसमें एनिमल फेट का उपयोग नहीं किया गया था। स्वेदेशी प्रोडक्ट्स बनाने के लिए कंपनी को महात्मा गांधी और एनी बेसेंट जैसे स्वतंत्रता सेनानियों से सरहाना भी मिल चुकी है।
बॉम्बे की चोरी बढ़ने पर लॉकर बनाना शुरू
1923 तक गोदरेज बाजार में स्थापित हो चुकी थी। कंपनी के तालों का बाजार में बोलबाला था। इस दौरान मुंबई में चोरी के मामलों में इजाफा हुआ। अर्देशिर गोदरेज ने मौके को समझते हुए अलमीरा बनान भी शुरू कर दिया। ये भी बाजार में हिट रहा।
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आजाद भारत में पहले चुनाव के लिए बनाई मतपेटियां
आजादी के बाद गोदरेज उन गिनी चुनी कंपनियों जो भारत में बड़े स्तर पर कारोबार कर रही थी। ताला और अलमीरा में कुशलता हासिल होने के कारण इस कंपनी को 1951 में हुए चुनाव के लिए 17 लाख मतपेटियां बनाने का ऑर्डर दिया गया।
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एफएमसीजी से लेकर अंतरिक्ष कारोबार में उतरा गोदरेज ग्रुप
गोदरेज ने अपने कारोबार को आगे बढ़ाना जारी रखा। 1952 में कंपनी ने सिंथोल सोप, 1958 में फ्रिज, 1990 में रियल एस्टेट, 1991 में कृषि, 2005 में रिटेल और 2008 में कंपनी ने चंद्रयान मिशन में उपकरण उपलब्ध कराए थे।