Move to Jagran APP

Godrej Group: ताले से शुरू हुआ कारोबार आज साबुन से लेकर अंतरिक्ष तक पहुंचा, ऐसा रहा 127 साल पुराने गोदरेज का सफर

Godrej Group Success Story गोदरेज (Godrej) कंपनी का प्रोडक्ट का बोलबाला आज बाजार में काफी है। गोदरज ग्रुप (Godrej Group) दुनिया के 50 से अधिक देशों में व्यापार करती है। इसके संस्थापक अर्देशिर गोदरेज है जिन्होंने वकालत छोड़कर ताला बनाना शुरू किया है। ताले के बिजनेस में सफलता पाने के बाद इन्होंने कई और सेक्टर में अपना बिजनेस शुरू किया।

By Priyanka Kumari Edited By: Priyanka Kumari Updated: Wed, 01 May 2024 11:16 AM (IST)
Hero Image
Godrej Group: ताले से शुरू हुआ कारोबार आज साबुन से लेकर
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली।  हमने अक्सर गोदरेज (Godrej) के प्रोडक्ट को खरीदा या फिर उसका विज्ञापन देखा होगा। आज दुनिया में गोदरेज ग्रुप (Godrej Group) का कारोबार काफी मशहूर है। फर्नीचर,ताले, रियल एस्टेट, केमिकल, जनरल और हेवी इंजीनियरिंग, होम एवं पर्सनल केयर, इन्फ्रा-लॉजिस्टिक, पावर से लेकर एनर्जी तक गोदरेज ग्रुप का व्यापार फैला हुआ है।

देश के इतने बड़े व्यापार करने वाला ग्रुप एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल, ग्रुप के बंटवारे पर परिवार द्वारा मंजूरी मिल गई है। आइए, जानते हैं कि विश्व में जानेमाने गोदरेज ग्रुप की शुरुआत कैसे हुई थी।

कब शुरू हुआ था गोदरेज ग्रुप

गोदरेज ग्रुप की स्थापना अर्देशिर गोदरेज ने की। वह पेशे से वकील थे, लेकिन उन्होंने वर्ष 1897 में वकालत छोड़कर ताला बनाने का कारोबार शुरू किया था। इससे पहले उन्होंने सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट का कारोबार शुरू किया था जो फ्लॉप हो गया।

19वीं सदी में भारत में इंग्लैंड से ताले आते थे। इन तालों में एक स्प्रिंग होती थी जो टूट जाती थी। इस कमी की पहचान करने के बाद अर्देशिर गोदरेज ने ताला बनाना शुरू किया था।

उनके द्वारा बनाए गए तालों की खास बात यह थी कि यह इंग्लैंड से आने वाले ताले से सस्ता होता था और मजबूत भी होता है।ताले के बिजनेस में तेजी आने के बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

यह भी पढ़ें- Godrej Group के बंटवारे पर सहमत हुआ परिवार, दो पक्ष में हुआ बंटवारा; जानें किसे क्या मिला

शुरू किया स्वदेशी साबुन का बिजनेस

अर्देशिर गोदरेज स्वतंत्रता संग्राम के समर्थक थे। उन्होंने स्वदेशी आंदोलन से प्रेरित होकर छवि नाम से साबुन लॉन्च किया। माना जाता है कि यह दुनिया का पहला वेजिटेबल साबुन है जिसमें जानवरों के फैट का इस्तेमाल नहीं किया गया है। इस तरह के स्वदेशी प्रोडक्ट बनाने के लिए उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों  जैसे महात्मा गांधी और एनी बेसेंट से तारीफ भी मिली।

1923 में शुरू हुआ लॉकर का बिजनेस

वर्ष 1923 तक में बाजार में गोदरेज को लोकप्रियता मिल गई थी। इस समय देश में चोरी के मामलों में तेजी देखने को मिली, जिसमें कटौती लाने और अपने कारोबार को विस्तार देने के लिए अर्देशिर गोदरेज ने अलमारी बनाना शुरू कर दिया है।

वह अलमारी में लॉकर भी बनाते थे। लॉकर वाली अलमारी लोगों को काफी पसंद आई और गोदरेज का लॉकर हिट हो गया।

जब देश आजाद हुआ तब कई कंपनियों के कारोबार में तेजी आई। इन कंपनियों में से एक गोदरेज भी था। वर्ष 1951 में देश में होने वाले चुनाव में मतपेटिया बनाने का ऑर्डर गोदरेज को मिला। गोदरेज ग्रुप ने इस चुनाव के लिए 17 लाख मतपेटियां बनाई थी।

गोदरेज ने ताले से शुरू हुए कारोबार को आगे बढ़ाना जारी रखा। कंपनी ने धीरे-धीरे फ्रिज, रियल एस्टेट, एग्रीकल्चर, रिटेल और स्पेस सेक्टर में पैर जमाना शुरू किया। कंपनी ने इन सभी सेक्टर में खूब तरक्की हासिल की है। वर्ष 2028 में चंद्रयान मिशन के लिए कई उपकरण की मैन्यूफैक्चरिंग गोदरेज ग्रुप द्वारा की गई। 

वर्तमान में गोदरेज ग्रुप दुनिया के 50 देशों में बिजनेस कर रहा है। आज कंपनी के 20 से ज्यादा तरह के कारोबार हैं।

यह भी पढ़ें- Rule Change From 1st May: LPG Cylinder से लेकर Saving Account तक हो गए बड़े बदलाव, आपके बजट पर पड़ेगा सीधा असर