Diwali 2024: धनतेरस पर सोना खरीदने का बना रहे मन? इन बातों का जरूर रखें ध्यान
Gold Buying Tips आज देशभर में धनतेरस (Dhanteras) का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। माना जाता है कि आज के दिन सोना-चांदी खरीदना शुभ रहता है। अगर आप भी आज बाजार जाकर गोल्ड खरदीने का मन बना रहे हैं तो हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि आपको गोल्ड खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। दीवाली का त्योहार रोशनी के त्योहार है। पांच दिन चलने वाले इस त्योहार का आज आगाज हो गया है। दिवाली का त्योहार की शुरुआत धनतेरस (Dhanteras 2024) से होती है। आज देशभर में धनतेरस का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। मान्यता है कि इस दिन गोल्ड और सिल्वर से जुड़ी चीजें खरीदना शुभ हैं। अगर आप भी धनतेरस पर गोल्ड खरीदने का सोच रहे हैं तो आपको गोल्ड की खरीदारी के वक्त कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
प्योर सोना
सोना कितना शुद्ध है इसकी माप कैरेट में किया जाता है। वैसे तो 24 कैरेट गोल्ड को सबसे ज्यादा प्योर माना जाता है, लेकिन इससे गोल्ड ज्वैलरी नहीं बनती है। सामान्यतः गोल्ड ज्वैलरी बनाने के लिए 22, और 18 कैरेट का ऑप्शन होता है। आपको गोल्ड की खरीदारी करते वक्त यह ध्यान रखना चाहिए कि आप कितने कैरेट का गोल्ड खरीद रहे हैं। बता दें कि गोल्ड की कीमत उसके कैरेट पर निर्भर करती है।
हॉलमार्क
हमेशा हॉलमार्क वाला गोल्ड की खरीदना चाहिए। हॉलमार्क से यह सुनिश्चित हो जाता है कि आप जो गोल्ड खरीद रहे हो वह प्योर है। अगर आप बिना हॉलमार्क वाला गोल्ड खरीदते हैं तो हो सकता है कि सुनार आपको असली के नाम पर नकली सोना बेच रहा है।गोल्ड की कीमत
पिछले कुछ समय से सोने की कीमतों में तेजी देखने को मिली है। ऐसे में सोने की खरीदारी से पहले आपको पता होना चाहिए कि सोने का भाव क्या है। अगर आपको सोने की कीमत नहीं पता है तो हो सकता है कि सुनार आपको ज्यादा कीमत पर सोना बेचे। इसके अलावा ज्वैलर आपको ज्वैलरी की जो कीमत बता रहा है उसकी तुलना बाजार के बाकी ज्वैलर्स से जरूर करवाएं।मेकिंग चार्ज
कई बार सुनार मेकिंग चार्ज के नाम से भी ज्यादा पैसे लेते हैं। वैसे तो यह पूरी तरह से ज्वैलर्स पर निर्भर करता है कि वह कितना मेकिंग चार्ज ले रहा है। ऐसे में आपको सोने की खरीदारी से पहले मेकिंग चार्ज पर चर्चा करना चाहिए और जरूरत हो तो मोलभाव भी कम करवाना चाहिए।यह भी पढ़ें: Home Loan की प्रीपेमेंट करना कितना सही? यहां पढ़ें फायदे और नुकसान