Gold Demand : भारत में सुस्त पड़ रही सोने की डिमांड, जानिए गहनों की खरीदारी क्यों टाल रहे लोग
चीन के बाद भारत में सोने की सबसे अधिक खपत होती है। हालांकि इस वक्त देश में सोने की डिमांड काफी सुस्त पड़ गई है। फरवरी के मुकाबले मार्च में गोल्ड इंपोर्ट में 90 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई है। बहुत से लोगों ने या तो सोने की खरीद कम कर दी है या फिर कुछ समय के लिए टाल दी है। आइए जानते हैं कि इसकी क्या वजह है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारत दुनिया में गोल्ड (gold) का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता (consumer) है। लेकिन, फिलहाल यहां सोने की डिमांड काफी सुस्त हो गई है। जौहरियों का कहना है कि सोने का भाव लगातार बढ़ रहा है, ऐसे में लोगों ने गहने-जेवरात की खरीद कम कर दी है या फिर कुछ समय के लिए टाल दी है।
कितना है सोने का वायदा भाव
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, सोमवार को भारत में सोने का वायदा भाव (gold futures) बढ़कर 69,487 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया है। यह गोल्ड का ऑल टाइम हाई लेवल है। 2024 के शुरुआती तीन महीनों में ही इसमें 10 प्रतिशत का उछाल आ चुका है।
इसका असर देश के गोल्ड इंपोर्ट (gold imports) पर भी हुआ है। मार्च में भारत के गोल्ड इंपोर्ट में पिछले महीने के मुकाबले 90 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। यह कोरोना महामारी के (COVID Pandemic) सोने के आयात का सबसे निचला स्तर है।
गोल्ड प्राइस भी ऑल टाइम हाई पर
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 10 ग्राम सोना 1,712 रुपये महंगा होकर 68,964 रुपये तक पहुंच गया है। 2024 के शुरुआती तीन महीने में सोने का भाव 5,662 रुपये बढ़ चुका है। 1 जनवरी को सोना 63,302 रुपये पर था।
चांदी की बात करें, तो उसका दाम भी 1,273 रुपए बढ़कर 75,400 रुपये प्रति किलो हो गया है। हालांकि, इसका ऑल टाइम हाई लेवल 77,073 रुपये प्रति किलो का है, जो इसने पिछले साल 4 दिसंबर को बनाया था।
सोने के भाव में तेजी क्यों आ रही?
साल 2024 में भारत की अर्थव्यवस्था के काफी तेज रफ्तार से बढ़ने की उम्मीद है। लेकिन, दुनियाभर के कई अन्य देश मंदी की चपेट में आ सकते है। इसलिए सोने में निवेश बढ़ रहा है। शादियों के सीजन का भी गोल्ड प्राइस पर असर दिख रहा है।
वहीं, बहुत से देशों के केंद्रीय बैंकों ने भी सोने की खरीद बढ़ाई है। इस वजह से भी पीली धातु की कीमतों में उछाल आ रहा है।