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Gold Gift Tax: शादी में मिले हैं ढेर सारे सोने के गिफ्ट? कहीं देना न पड़ जाए टैक्स, जान लें क्या हैं नियम

Gold Gift Tax शादियों या किसी अन्य मौके पर अकस्ट गिफ्ट के रूप में सोने के गहने दिए जाते हैं। पर क्या इन गहनों को आपके इनकम के रूप में देखा जा सकता है और क्या इनपर भी टैक्स लग सकता है? इससे जुड़ी जानकरी नीचे देखें।

By Sonali SinghEdited By: Updated: Thu, 15 Dec 2022 08:15 PM (IST)
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Gold Gift Taxation Rules In India, Know Related Rules
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। हमने अक्सर ऐसा देखा है कि शादियों के दौरान दूल्हा-दुल्हन और उसके परिवार को बहुत-से गिफ्ट मिलते हैं। इन गिफ्ट्स में सोने (Gold) से बने सामान भी होते हैं। चाहे रिश्तेदार हो या फिर दोस्त, सभी लोग सोने की रिंग, चेन या इसी तरह की चीजें देना पसंद करते हैं। पर सवाल उठता है कि आखिर क्या इन सोने की गिफ्ट्स में भी टैक्स लगता है? या हम गिफ्ट के रूप में जितना मन चाहे उतना सोना ले सकते हैं।

भारत में शादियों में गिफ्ट लेने के क्या हैं नियम?

इनकम टैक्स एक्ट के तहत, नवविवाहित जोड़े को परिवार या रिश्तेदारों से मिले उपहार टैक्स योग्य नहीं हैं। इसमें उपहार के रूप में घर, संपत्ति, नकद, आभूषण या स्टॉक आदि हो सकते हैं। हालांकि, सारे गिफ्ट टैक्स फ्री नहीं होते हैं और एक लिमिट के ऊपर टैक्स देने पड़ सकते हैं।

एक टैक्स असेसमेंट ईयर के दौरान 50 हजार रुपये तक की कीमत के गिफ्ट को टैक्स लिमिट से दूर रखा गया है  हालांकि, अगर यह आपके परिवार ये द्वारा मिले हो या शादी के दौरान मिले हों तो इनपर कोई टैक्स नहीं लगता। इस तरह इन दोनों स्थिति को छोड़कर आपको एक साल में 50 रुपये से ज्यादा के गिफ्ट मिलते हैं, तब ही इसपर टैक्स लग सकता है।

गिफ्ट में मिला सोना टैक्स फ्री होता है?

गिफ्ट के रूप में मिलने वाले सोने की बात करें तो अगर परिवार के सदस्य शादी या किसी अन्य मौके पर गिफ्ट में सोने के गहने देते हैं, तो ये टैक्स फ्री होते हैं। इसके अलावा, विरासत में मिलने वाले सोने के गहनों के ऊपर भी कोई टैक्स नहीं लगता है। गौर करने वाली बात है कि जब आप इन गहने को बेचते हैं तब यह टैक्स की देनदारी में शामिल हो जाते हैं।

कब और कितना लगता है टैक्स

अगर आप विरासत में मिले सोने के गहनों को बेचते हैं तो यह लॉन्ग टर्म में कैपिटल गेन के तहत इनकम के रूप में आता है और फिर इसपर देनदारी बनती है। यह कैपिटल गेन की दर होल्डिंग पीरियड पर निर्भर करती है। अगर होल्डिंग पीरियड 36 महीने से अधिक है तो 20 फीसदी तक टैक्स के रूप में लगता है। लेकिन अगर होल्डिंग 36 महीने से कम है तो यह आपकी कुल इनकम में शामिल हो जाएगा और फिर आपके टैक्स स्लैब के हिसाब से आपको टैक्स देना पड़ेगा।

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