Gold Investment: रिटर्न देने में सोना भी पीछे नहीं, पिछले वित्त वर्ष में 15 प्रतिशत से अधिक का मुनाफा
एसबीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2023 में दुनिया के प्रमुख देशों के सेंट्रल बैंकों ने 1037 टन सोने की खरीदारी की है। जेम्स व ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के पूर्व चेयरमैन कॉलिन शाह के मुताबिक फेड रेट में कटौती की संभावना से सोने का भाव बढ़ रहा है। डालर के अंतरराष्ट्रीय मूल्य में कमी से भी सोने की ओर निवेशकों का आकर्षण बढ़ा है।
राजीव कुमार, नई दिल्ली। अमूमन यह देखा जाता है कि सेंसेक्स में अगर तेजी चल रही है तो सोने की कीमत में नरमी रहती है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। बाजार के साथ-साथ सोने के भाव में भी लगातार तेजी का रुख दिख रहा है। पिछले एक माह में ही 24 कैरेट सोने के हाजिर भाव में 5000 रुपए प्रति 10 ग्राम से अधिक की बढ़ोतरी हो चुकी है। तो पिछले एक साल में 24 कैरेट सोने के हाजिर भाव में 9500 रुपए प्रति 10 ग्राम का इजाफा हुआ है।
दिल्ली सर्राफा बाजार में मंगलवार को 24 कैरेट सोने का भाव 71,050 रुपए प्रति 10 ग्राम रहा जो गत दो मार्च को 65,400 रुपए प्रति 10 ग्राम था और पिछले साल दो अप्रैल को इसी सोने का भाव 61,630 रुपए प्रति 10 ग्राम था। यानी कि पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में सोने ने 15 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दिया। पिछले एक साल में सेंसेक्स 59,106 अंक से बढ़कर 73,903 अंक पर पहुंच गया और सेंसेक्स में 25.04 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि सभी निवेशकों को इतना रिटर्न मिला हो।
क्यों बढ़ रहा है सोने का भाव
सोने का भाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तय होता है। सोने की कीमत में लगातार हो रही बढ़ोतरी से पिछले एक माह से सर्राफा बाजार में फिजिकल सोने की मांग में कोई तेजी नहीं है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सब्नविस ने बताया कि अमेरिका का फेडरल बैंक ब्याज दर कम करने वाला है और डालर की जगह अन्य करेंसी को बाजार में लाने की योजना (डीडॉलराइजेशन) से दुनिया के सभी सेंट्रल बैंक सोने की खरीदारी कर रहे हैं। जून में फेडरल रेट कम होने से निवेशकों का रुझान सोने की ओर बढ़ गया है। आरबीआइ ने गत फरवरी में 4.7 टन सोने की खरीदारी की है।
एसबीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2023 में दुनिया के प्रमुख देशों के सेंट्रल बैंकों ने 1037 टन सोने की खरीदारी की है। जेम्स व ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के पूर्व चेयरमैन कॉलिन शाह के मुताबिक फेड रेट में कटौती की संभावना से सोने का भाव बढ़ रहा है। डालर के अंतरराष्ट्रीय मूल्य में कमी से भी सोने की ओर निवेशकों का आकर्षण बढ़ा है।
सब्नविस के मुताबिक सोने की फिजिकल मांग में भले ही कमी आई है, लेकिन गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) में बढ़ोतरी दिख रही है। इस साल फरवरी में भारत में गोल्ड ईटीएफ में 9.3 करोड़ डालर का निवेश किया गया जो पिछले छह माह में सबसे अधिक है। विशेषज्ञ चीन में सोने की मांग में हो रही लगातार बढ़ोतरी को भी कीमत में इजाफे का एक कारण मान रहे हैं।
दुनिया में सोने की सबसे अधिक खपत चीन और उसके बाद भारत में होती है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक पिछले 20 सालों से सोने की माइनिंग में औसतन सिर्फ 1.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही है। यानी की सोने की आपूर्ति सीमित है। काउंसिल के मुताबिक सोने की कुल खपत में 39 प्रतिशत का इस्तेमाल निवेश के लिए तो 35 प्रतिशत ज्वैलरी के लिए किया जाता है। 19 प्रतिशत सोना सेंट्रल बैंक के पास है तो सात प्रतिशत टेक्नोलाजी में इस्तेमाल होता है।