सोने के 95 प्रतिशत गहने अब हालमार्किंग के दायरे में, देशभर में 285 जिले हालमार्किंग लिस्ट में शामिल
छत्तीसगढ़ और पुडुचेरी (एक-एक) व उत्तराखंड जम्मू-कश्मीर और लद्दाख (दो-दो) में हालमार्किंग सेंटरों की संख्या बहुत कम है। सबसे अधिक हालमार्किंग सेंटर तमिलनाडु (24) गुजरात (23) महाराष्ट्र (22) व बंगाल (19) में हैं। सालाना 12 करोड़ से अधिक सोने के गहनों पर हालमार्किंग की जरूरत की होती है
By NiteshEdited By: Updated: Wed, 02 Mar 2022 06:38 AM (IST)
सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। स्वर्णाभूषणों की वैधानिक हालमार्किंग की सूची में 29 जिले और जोड़ दिए गए हैं। इसे मिलाकर हालमार्किंग वाले जिलों की संख्या अब बढ़कर 285 हो गई है। हालांकि सोने के गहनों की हालमार्किंग की सुविधा अभी भी 450 से अधिक जिलों में नहीं है। सोने के गहनों की हालमार्किंग अनिवार्य होने से उपभोक्ताओं के साथ होने वाली ठगी पर लगाम लगी है और कारोबार को संगठित करने में भी मदद मिली है। पिछले छह महीने में ही 5.25 करोड़ नग सोने के गहनों की हालमार्किंग की जा चुकी है। ज्वैलरी उद्योग के अनुमान के मुताबिक देश में सालाना 12 करोड़ से अधिक सोने के गहनों पर हालमार्किंग की जरूरत की होती है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) का अनुमान है कि भारत में सोने के गहनों कुल बिक्री का 95 प्रतिशत हिस्सा हालमार्किंग के दायरे में आने लगा है। अपने गहनों को बेचने अथवा खरीदने के लिए हालमार्किंग के बाबत अब तक डेढ़ लाख ज्वैलरियों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है। हालांकि 40 लाख के कम टर्नओवर वाले कारोबारियों को बिना किसी शुल्क के रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी गई है। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने पिछले वर्ष 23 जून को सोने के गहनों पर हालमार्किंग करना अनिवार्य बना दिया। इसके पहले चरण में केवल उन 256 जिलों को चुना गया जहां हालमार्किंग सेंटर काम कर रहे थे। इन जिलों में फिलहाल कुल 943 सेंटर काम कर रहे हैं। इन सेंटरों को खोलने के लिए निजी निवेशकों को 70 प्रतिशत तक एकमुश्त सब्सिडी प्रदान की जाती है। उपभोक्ताओं के लिए इन सेंटरों पर अपने गहने को हालमार्किंग कराने की न्यूनतम शुल्क ली जाती है। इसीलिए दूरदराज वाले क्षेत्रों में कोई निवेशक हालमार्किंग सेंटर खोलने में रुचि नहीं ले रहा है।
अभी यह है स्थिति
देश के जिन राज्यों में हालमार्किंग सेंटरों की संख्या बहुत कम है उनमें छत्तीसगढ़ और पुडुचेरी (एक-एक) व उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख (दो-दो) शामिल हैं। पूर्वोत्तर के राज्यों में एक भी सेंटर नहीं खोले जा सके हैं। बड़े राज्यों के सुदूर जिलों में सेंटर नहीं हैं। मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश के महानगरों को छोड़कर कुछ और छोटे शहरी जिलों तक ही सेंटर स्थापित किए जा सके हैं। सबसे अधिक हालमार्किंग सेंटर तमिलनाडु (24), गुजरात (23), महाराष्ट्र (22) व बंगाल (19) में हैं।
एक पहलू यह भी
दरअसल, यह बात भी उठने लगी है कि देश के आधे से भी कम जिलों में ही हालमार्किंग सेंटर स्थापित हैं, जबकि सोने के गहनों पर हालमार्किंग को कानूनी रूप से अनिवार्य बनाया गया है। ऐसे में उन क्षेत्रों के ज्वैलरों और उपभोक्ताओं का क्या होगा, जहां हालमार्किंग का कोई इंतजाम नहीं है।