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Gold Price: दुनियाभर में कैसे तय होता है सोने का दाम, क्या है कीमतों में उतार-चढ़ाव के पीछे की वजह?

Gold Price सोने के भाव में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। आगामी फेस्टिव सीजन में ज्वेलरी खरीद में तेजी आएगी ऐसे सें कीमती धातु के उतार-चढ़ाव को लेकर लोगों के मन में सवाल आता है कि आखिर सोने की कीमत में बदलाव क्यों होता है। इसके अलावा विदेशों में भी गोल्ड की कीमतों को कौन-तय करता है। इस आर्टिकल में इस तरह के सवालों का जवाब जानते हैं।

By Priyanka Kumari Edited By: Priyanka Kumari Updated: Fri, 13 Sep 2024 05:00 PM (IST)
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भारत और विदेश में कैसे तय होता है सोने के दाम?

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अक्टूबर महीने से फेस्टिव सीजन (Festive Season 2024) का आगाज हो जाएगा। इस आगाज के साथ ही गोल्ड की खरीद में भी तेजी देखने को मिल सकती है। जब भी ज्वेलरी खरीदने जाते हैं तो हम दुकानदार से सोने के भाव (Gold Price) जरूर पूछते हैं। ऐसे में हम अक्सर देखते होंगे कि सोने की कीमत में रोजाना थोड़ा बदलाव होता है। हो सकता है आज और कल की कीमत में 200 रुपये का अंतर हो।

ऐसे में मन में सवाल आता कि आखिर सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव क्यों आता है और इसकी कीमत कौन तय करता है। हम आपको इस आर्टिकल में इसी प्रकार के सवालों का जवाब देंगे।

कैसे तय होता है सोने की कीमत

देश के किस शहरों में कितने रुपये का सोना मिलेगा यह इस बात पर डिपेंड करता है कि ज्वेलर्स किस भाव पर सोना खरीद रहा है। ज्वेलर्स जिस भाव पर गोल्ड खरीदते हैं उसे स्‍पॉट रेट यानी हाजिर भाव कहा जाता है। अब मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर गोल्ड किस भाव पर ट्रेड कर रहा है उस आधार पर ही स्पॉट प्राइस तय किया जाता है।

MCX पर कैसे तय होती है सोने की कीमत

अब सवाल आता है कि MCX पर सोने की कीमत कैसे तय होती है। एमसीएक्स पर गोल्ड की कीमत को तय करने के पीछे कई कारक हैं। भारतीय बाजारों में गोल्ड डिमांड, सप्लाई के आंकड़ें और ग्लोबल मार्केट में महंगाई को ध्यान में रखकर ही गोल्ड की कीमत और अन्य धातु की कीमत तय होती है।

एमसीएक्स पर सोने की कीमत तय करने से पहले लंदन स्थित बुलियन मार्केट एसोसिएशन से को-ऑर्डिनेशन किया जाता है। इसके बाद ही गोल्ड प्राइस तय होती है। हालांकि एमसीएक्स पर जो गोल्ड प्राइस शो होता है उसमें वैट, लेवी एवं लागत भी शामिल होता है।

गोल्ड की कीमत पर पड़ता है किन चीजों का असर

गोल्ड की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर कई कारकों का असर पड़ता है। इसमें सबसे मुख्य आर्थिक और राजनीतिक फैसले हैं। जी हां, अगर ग्लोबली कोई बड़ा फैसला या फिर घटना होता है तो इसका असर गोल्ड पर पड़ता है। उदाहरण के तौर पर रुस और यूक्रेन के युद्ध के समय में गोल्ड की कीमतो में शानदार तेजी आई थी।

भारत और दुनिया में कैसे तय होता है सोने के दाम

अगर सोने की कीमतों की बात करें तो अक्सर आपने सुना होगा कि दुबई में सोना सस्ता है। ऐसे में सवाल है कि भारत या फिर बाकी देशों में सोने की कीमत किस आधार पर तय होती है। इसका जवाब है दुनिया की सबसे बड़ी बुलियन मार्केट ही गोल्ड की कीमत को तय करती है।

वर्ष 2015 से पहले तक केवल लंदन में ही गोल्ड की कीमत तय होती थी, लेकिन मार्च 2015 से लंदन में बुलियन मार्केट एसोसिएशन का न्यू यूनिट बनाया गया। इस यूनिट का संचालन ICE प्रशासनिक बेंचमार्क करती है। ये संगठन ही सभी देशों के संगठनों से मिलकर सोने का स्पॉट प्राइस तय करती है।

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क्या होता है गोल्ड का स्पॉट प्राइस

गोल्ड ज्वेलर्स जिस कीमत पर गोल्ड खरीदते हैं उसे ही स्पॉट प्राइस कहते हैं। इसे भारत के कई शहरों के सर्राफा एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा तय किया जाता है। मार्केट ओपन करते ही गोल्ड का स्पॉट प्राइस तय किया जाता है। हर शहर के सर्राफा व्यापारी भाव तय करते हैं इस वजह से सभी शहरों में इनके दाम अलग होते हैं। इसके अलावा गोल्ड कैरेट की वजह से भी इनकी कीमतों में बदलाव होता है।

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