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Gold Price Today: सोने ने बनाया नया रिकॉर्ड, चांदी में भी तेजी; जानें दोनों का लेटेस्ट प्राइस

सोने की कीमतों में लगातार उछाल देखा जा रहा है। इसकी कई वजहें हैं। इनमें अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और पश्चिम एशिया में अशांति से अस्थिरता सबसे अहम है। साथ ही इक्विटी मार्केट में गिरावट ने भी सोने के भाव को हवा दी है। अगर अमेरिका का केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में आक्रामक कटौती जारी रखता है तो ब्याज दरों में और भी ज्यादा उछाल आएगा।

By Agency Edited By: Suneel Kumar Updated: Wed, 16 Oct 2024 06:31 PM (IST)
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अमेरिकी फेड नीति में और ढील देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

पीटीआई, नई दिल्ली। सोने की कीमतों में लगातार उछाल जारी है। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, आभूषण विक्रेताओं की खरीदारी के कारण बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 250 रुपये बढ़कर 78,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। यह गोल्ड का नया ऑल टाइम हाई है। पिछले कारोबारी सत्र में यह कीमती धातु 78,650 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी।

चांदी के भाव में उछाल देखा गया। सिक्का निर्माताओं के साथ औद्योगिक मांग बढ़ने से चांदी का रेट 1,000 रुपये बढ़कर 93,500 रुपये प्रति किलो हो गया। मंगलवार को चांदी 92,500 रुपये प्रति किलो के पर बंद हुई थी। वहीं, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 250 रुपये बढ़कर 78,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जबकि इसका पिछला बंद भाव 78,250 रुपये प्रति 10 ग्राम था।

सोने का क्यों बढ़ रहा भाव?

ट्रेडर्स का कहना है कि स्थानीय आभूषण विक्रेताओं की ओर से सोने की मजबूत डिमांड दिख रही है। इसकी वजह शादियों के साथ फेस्टिव सीजन भी है। साथ ही, इक्विटी बाजारों में गिरावट भी आई है, जिससे निवेशक सोने का रुख कर रहे हैं, क्योंकि इसे सबसे सुरक्षित निवेश समझा जाता है।

एलकेपी सिक्योरिटीज में कमोडिटी और करेंसी के वीपी रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी ने कहा, "एमसीएक्स में बढ़त के साथ सोने की कीमतें ऊंची रहीं, जबकि कॉमेक्स गोल्ड 2,675 डॉलर से ऊपर कारोबार कर रहा था। ट्रेडर्स को उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती के अपने रास्ते पर कायम रहेगा।"

त्रिवेदी का कहना है कि इससे सोने की कीमतों में उछाल आने का अनुमान है, क्योंकि ब्याज दरों में कटौती से निवेशक सोने का रुख करने लगते हैं। सितंबर में सोना रिकॉर्ड उंचाई पर पहुंचने से बाद थोड़ा स्थिर हो गया था, क्योंकि ट्रेडर्स का मानना था कि अमेरिका का केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कटौती की रफ्तार सुस्त कर सकता है।

जल्दबाजी नहीं कर रहे ट्रेडर्स

हालांकि, फिर भी ट्रेडर्स ने थोड़ा सतर्क रुख जरूर अपना रखा है। मोदीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड में कमोडिटी रिसर्च के वरिष्ठ विश्लेषक मानव मोदी ने कहा, "अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अधिकारियों की मिली-जुली टिप्पणियों ने ट्रेडर्स को चिंतित कर रखा है। गवर्नर क्रिस्टोफर वालर ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में लचीलेपन के हालिया संकेतों और स्थिर मुद्रास्फीति का हवाला देते हुए कहा कि वे आने वाले महीनों में दरों को और कम करने के प्रति सतर्क रुख का समर्थन करते हैं।"

फेड के अधिकारी इस बात पर बंटे हुए हैं कि साल के अंत तक ब्याज दरों में कितनी कटौती की जाएगी। अमेरिकी फेड नीति में और ढील देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। बाजार केंद्रीय बैंक से आने वाले आर्थिक आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं, ताकि ब्याज दरों में कटौती की दिशा के बारे में स्पष्ट तस्वीर मिल सके। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के निकट आने से जुड़ी अनिश्चितता और बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों से सोने की मजबूती को समर्थन मिल रहा है।

मोतीलाल ओसवाल के मोदी ने कहा कि इस सप्ताह फोकस अमेरिकी खुदरा बिक्री, औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) और चीन के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) आंकड़ों पर रहेगा, जो निकट भविष्य में सर्राफा कीमतों की दिशा के बारे में जानकारी देंगे।

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