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Gold Prices: सोना हुआ सस्ता, चांदी भी लुढ़की; जानिए क्या है लेटेस्ट प्राइस

सोने लगातार तीन दिनों से सस्ता हो रहा है। हालांकि अभी सोने की कीमतों में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं दिख रहा क्योंकि व्यापारी शुक्रवार को आने वाले अमेरिकी रोजगार डेटा का इंतजार कर रहे हैं। इससे फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में कटौती के लिए संभावित रास्ते के बारे में नई जानकारी मिल सकती है। अगर दरों में कटौती होती है तो सोने की कीमतों को पंख लग सकते हैं।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Wed, 04 Sep 2024 06:24 PM (IST)
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आने वाले दिनों में सोने के भाव में तेजी आ सकती है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। सोने की कीमतों में गिरावट का सिलसिला जारी है। विदेशी बाजारों में सुस्ती के दरम्यान बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 450 रुपये गिरकर 73,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई। यह लगातार तीसरा कारोबारी सत्र है, सोने के भाव में गिरावट आई है। पिछले सत्र में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाली पीली धातु 74,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी।

अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, चांदी की कीमत भी 1,650 रुपये गिरकर 83,600 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई, जो पिछले बंद के 85,250 रुपये प्रति किलोग्राम थी। इस बीच, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी 450 रुपये गिरकर 73,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। घरेलू स्तर पर व्यापारियों के मुताबिक, आभूषण विक्रेताओं और खुदरा खरीदारों की ओर से मांग में कमी के साथ-साथ वैश्विक प्रभावों के कारण सोने की कीमतों में गिरावट आई।

अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कॉमेक्स सोना 0.13 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,519.80 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटीज के सीनियर एनालिस्ट सौमिल गांधी ने कहा, "अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग डेटा मंगलवार को जारी हुआ, जो काफी निराशाजनक था। इससे बुधवार को यूरोपीय बाजारों में नरमी आई। इससे सभी असेट क्लास में वैश्विक स्तर पर बिकवाली शुरू हो गई और बाजार का मिजाज निराशाजनक हो गया।'

सोने की कीमतों पर एक्सपर्ट की राय

कोटक सिक्योरिटीज में कमोडिटी रिसर्च की एवीपी कायनात चैनवाला के अनुसार, अमेरिकी आर्थिक डेटा जारी होने के एक महत्वपूर्ण सप्ताह से पहले डॉलर में मजबूती, मुनाफावसूली और स्थिति समायोजन के कारण कॉमेक्स सोना फिसला। चैनवाला ने कहा कि अभी सोने की कीमतों में बहुत ज्यादा हलचल नहीं दिख रही, क्योंकि व्यापारी शुक्रवार को आने वाले अमेरिकी रोजगार डेटा का सावधानी से इंतजार कर रहे हैं। इससे फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में कटौती के लिए संभावित रास्ते के बारे में नई जानकारी मिल सकती है।

आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के एवीपी - कमोडिटीज एंड करेंसीज मनीष शर्मा ने कहा, "मौजूदा भू-राजनीतिक जोखिम और अमेरिकी फेडरल रिजर्व (फेड) द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों ने सोने को कुछ हद तक सहारा दिया है।" एंजेल वन में डीवीपी-रिसर्च, नॉन-एग्री कमोडिटीज एंड करेंसीज प्रथमेश माल्या के अनुसार, हालिया गिरावट के बावजूद 2020 के बाद 2024 सोने के लिए सबसे बेहतर साल बनने वाला है। इसे अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और मध्य पूर्व में चल रही भू-राजनीतिक चिंताओं से बल मिला है।

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