Dhanteras और Diwali पर हुई ये गलती तो पड़ेगा पछताना, सोना-चांदी खरीदें तो जरूर कर लें ये काम
अगर आप दिवाली और धनतेरस के मौके पर सोने-चांदी की शॉपिंग कर रहे हैं तो जरा संभलकर करें। ऐसी बहुत सी छोटी गलतियां होती हैं जो हम शॉपिंग करते समय करते हैं। आइए आपको बताते हैं कि वो कौन सी गलतियां हैं और इनसे कैसे बचा जाए।
By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Sat, 22 Oct 2022 06:07 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत में सोने की खरीदारी के लिए धनतेरस और दिवाली को सबसे शुभ अवसर माना जाता है। चूंकि दिवाली वीक के दौरान अधिक लोग सोना खरीदने के लिए ज्वैलर्स के पास जाते हैं, ऐसे में उनके ठगे जाने की आशंका भी सबसे अधिक होती है। कुछ स्टोर, उपभोक्ताओं को सोने-चांदी की कीमत, मेकिंग चार्ज और जीएसटी आदि पर गुमराह करते हैं। इसलिए सोने की खरीदारी के उत्साह में धोखा न खाएं।
बहुत से लोग सोने के आभूषण खरीदने के लिए धनतेरस और दिवाली का इंतजार करते हैं क्योंकि आम धारणा यह है कि त्योहारों का मौसम किसी भी तरह की बड़ी खरीदारी जैसे आभूषण, संपत्ति और अन्य मूल्यवान संपत्ति के लिए शुभ होता है। भारत में सोना धन और समृद्धि का प्रतीक है। अधिकांश भारतीय परिवार छोटे शहरों और टियर 2 और 3 शहरों में रहते हैं, वे सोने के आभूषणों और गहनों से भावनात्मक लगाव रखते हैं, क्योंकि इसके साथ उनकी बहुत सी यादें जुड़ी होती हैं।
चेक करें ये चीजें
धनतेरस और दिवाली पर सोने की खरीदारी के समय सुनिश्चित करें कि आपको शॉपिंग का बिल मिले और उसमें सभी महत्वपूर्ण विवरण शामिल हों। एक गलती जो ज्यादातर लोग करते हैं कि अव्वल तो वे बिल नहीं लेते या लेते हैं तो ये नहीं देखते कि उनके बिल में कौन-कौन सी चीजें शामिल की गई हैं।
जब आप सोना खरीद रहे हैं तो यह सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है कि सोना हॉलमार्क है या नहीं। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की वेबसाइट के अनुसार खुदरा विक्रेता/जौहरी से हॉलमार्क वाले सोने के लिए प्रामाणिक बिल/चालान लेना आवश्यक है। यह किसी भी विवाद/दुरुपयोग या शिकायत निवारण के लिए आवश्यक है।
क्यों जरूरी है बिल
बीआईएस वेबसाइट के अनुसार जौहरी/खुदरा विक्रेता द्वारा जारी बिल/चालान में हॉलमार्क वाली वस्तुओं का विवरण होना आवश्यक है। हॉलमार्क वाली कीमती धातु की वस्तुओं की बिक्री के बिल या चालान में प्रत्येक वस्तु का विवरण, सोने का शुद्ध वजन, कैरेट और हॉलमार्किंग फीस का उल्लेख किया जाना चाहिए। मान लीजिए कि अगर सोने की चेन में पत्थर लगे हैं, तो जौहरी को इनवॉइस में पत्थरों की कीमत और वजन का अलग से उल्लेख करना होगा।