Gold Silver Price: सोने की कीमत घटी, वहीं चांदी में आई चमक; यहां जानिए गोल्ड-सिल्वर के लेटेस्ट प्राइस
पिछले सत्र में गोल्ड की कीमत 72900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी। चांदी की कीमत भी 1200 रुपये घटकर 91900 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कॉमेक्स में हाजिर सोना 2332 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था जो पिछले बंद से 3 डॉलर कम है। अमेरिकी डॉलर में मजबूती और तकनीक बिकवाली के दबाव के कारण सोने की कीमतों में गिरावट आई है।
पीटीआई, नई दिल्ली। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसार, वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के अनुरूप बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 80 रुपये घटकर 72,820 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई है।
पिछले सत्र में गोल्ड की कीमत 72,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी। चांदी की कीमत भी 1,200 रुपये घटकर 91,900 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई। पिछले सत्र में यह 93,100 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों की क्या स्थिति?
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कॉमेक्स में हाजिर सोना 2,332 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था, जो पिछले बंद से 3 डॉलर कम है। अमेरिकी डॉलर में मजबूती और तकनीक बिकवाली के दबाव के कारण सोने की कीमतों में गिरावट आई है। हालांकि, अमेरिकी श्रम बाजार के कमजोर होने के संकेत थे।यह भी पढ़ें- चुनावी नतीजों पर रेटिंग एजेंसी ने दी प्रतिक्रिया, Fitch ने कहा - BJP को मिले कमजोर बहुमत के बाद खड़ी हो सकती हैं कई चुनौतियां
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा-
इससे यह उम्मीद और मजबूत हुई है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व जल्द ही ब्याज दरों में कमी करेगा।
इसके अलावा, चांदी भी गिरकर 29.75 डॉलर प्रति औंस पर आ गई। गांधी ने कहा कि आगे बढ़ते हुए, व्यापारी एडीपी गैर-कृषि रोजगार और आईएसएम गैर-विनिर्माण पीएमआई डेटा सहित व्यापक आर्थिक डेटा पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जो बुधवार को बाद में जारी किए जाएंगे।
इस सप्ताह आएगा गैर-कृषि पेरोल और बेरोजगारी डेटा
एलकेपी सिक्योरिटीज में कमोडिटी और करेंसी के वीपी रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी के अनुसार, गैर-कृषि पेरोल और बेरोजगारी डेटा भी इस सप्ताह के अंत में आने वाले हैं। त्रिवेदी ने कहा-यह भी पढ़ें- चढ़ गए TDP से जुड़ी कंपनी के शेयर, Chandrababu Naidu की जीत के बाद स्टॉक में आई 20 फीसदी की तेजी...प्राथमिक ध्यान 12 जून को अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत निर्णय पर बना हुआ है, जो बुलियन कीमतों पर और अधिक दिशा प्रदान करेगा।