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फार्मा क्लस्टर और एमएसएमई को सरकार से मिलेंगे 500 करोड़ रुपये

फार्मा और MSME सेक्‍टर को सरकार मदद देने वाली है। इसके लिए 500 करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं। सरकार का कहना है कि इन उद्योगों की मदद से विकास को बढ़ावा मिलेगा और वोकल फॉर लोकल और उपजेगा।

By Ashish DeepEdited By: Updated: Sat, 12 Mar 2022 12:28 PM (IST)
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फार्मा और एमएसएमई कंपनियां इस रकम का उपयोग कर पाएंगी। (Pti)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्‍क । सरकार ने देशभर में मौजूदा फार्मा क्लस्टर और एमएसएमई सेक्टर के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार इससे कंपनियों को उत्पादकता और स्थायित्व को मजबूती देने में मदद मिलेगी। रसायन व उर्वरक मंत्रालय के तहत फार्मास्युटिकल्स विभाग ने फार्मास्युटिकल्स उद्योग की मजबूती (एसपीआइ) योजना के तहत शुक्रवार को दिशानिर्देश जारी किए ।

इसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। इस योजना से सरकार देशभर में मौजूदा फार्मा क्लस्टर्स व एमएसएमई उद्योग को उत्पादकता, गुणवत्ता व स्थायित्व में सुधार के लिए जरूरी मदद उपलब्ध कराएगी। इसके तहत उन्हें विभिन्न सुविधाओं के निर्माण के लिए रकम मुहैया कराई जाएगी।

इसका उद्देश्य भारत को फार्मास्युटिकल्स सेक्टर में दुनियाभर में सबसे ताकतवर बनाना है। फार्मा और एमएसएमई कंपनियां इस रकम का उपयोग कर अपने उत्पादन संयंत्रों को उन्नत बनाएंगी, जिससे वे दुनियाभर के मानदंडों पर खरा उतर सकें।

इसके अलावा, एसएमई और एमएसएमई की उत्पादन सुविधाओं को उन्नत करने के लिए उनके पूंजी ऋण पर ब्याज सबवेंशन या पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी ताकि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय नियामक मानकों (डब्ल्यूएचओ-जीएमपी या अनुसूची-एम) को पूरा किया जा सके, जो मात्रा के साथ-साथ गुणवत्ता में भी आगे की वृद्धि सुविधा प्रदान करेगी। इस योजना के तीन 3 घटक होंगे - सामान्य सुविधाओं के लिए दवा उद्योग को सहायता (APICF), फार्मा प्रौद्योगिकी उन्नयन सहायता योजना (पीटीयूएएस) और दवा और चिकित्सा उपकरणों को बढ़ावा देने और विकास योजना (पीएमपीडीएस)।

सरकार ने एपीआईसीएफ को 5 साल की अवधि के लिए 178 करोड़ रुपये तय किए हैं, जो इस क्रम में अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं, परीक्षण प्रयोगशालाओं, अपशिष्ट उपचार संयंत्रों, रसद केंद्रों और प्रशिक्षण केंद्रों पर ध्यान देने के साथ सामान्य सुविधाओं के निर्माण के लिए समूहों को सहायता प्रदान करेगा। ( पीटीआइ इनपुट के साथ )