सरकार ने Windfall Tax पर एक बार फिर की कटौती, जानिए आपकी जेब पर कैसे पड़ेगा असर
Windfall Tax सरकार ने क्रूड ऑयल की कीमतों पर लगने वाले अप्रत्याशित कर में कटौती करने का फैसला लिया है। डीजल के निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ टैक्स पर भी कटौती का फैसला लिया गया है। आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आ रही है। इस नरमी की वजह से सरकार विंडफॉल टैक्स को लेकर लगातार फैसले ले रही है।
By AgencyEdited By: Priyanka KumariUpdated: Thu, 16 Nov 2023 02:25 PM (IST)
पीटीआई, नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में नरमी के बाद देश में उत्पादित कच्चे तेल और डीजल के निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर में कटौती की। एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, घरेलू स्तर पर कच्चे तेल के प्रोडक्शन पर लगने वाले विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (Windfall Tax) के रूप में लगाया जाने वाला कर 9,800 रुपये प्रति टन से घटाकर 6,300 रुपये प्रति टन कर दिया गया है।
डीजल के निर्यात पर एसएईडी को 2 रुपये प्रति लीटर से घटकर 1 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया। वहीं, जेट ईंधन यानी एटीएफ और पेट्रोल के निर्यात पर यह शुल्क शून्य रहेगा। नई टैक्स दरें गुरुवार से लागू हो गईं।
1 नवंबर को विंडफॉल टैक्स पर हुआ था संशोधन
नवंबर महीने की पहली तारीख यानी 1 नवंबर 2023 को अप्रत्याशित लाभ कर में संशोधन किया है। 1 नवंबर को सरकार ने कच्चे तेल पर कर 9,050 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 9,800 रुपये प्रति टन कर दिया था। इसके साथ ही डीजल के निर्यात पर लेवी को आधा कर 2 रुपये कर दिया गया और जेट ईंधन पर लेवी को 1 रुपये प्रति लीटर से शून्य कर दिया गया।
पिछले संशोधन के बाद से अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें नरम हो गई है। इसके बाद सरकार ने कटौती का फैसला लिया है। भारत द्वारा आयात किए जाने वाले कच्चे तेल की बास्केट का औसत मूल्य इस महीने 84.78 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल है, जबकि अक्टूबर में यह औसत 90.08 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल और सितंबर में 93.54 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था।
भारत ने पहली बार पिछले साल 1 जुलाई को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था। यह उन देशों की बढ़ती संख्या में शामिल हो गया है जो एनर्जी कंपनियों के असाधारण मुनाफे पर टैक्स लगाते हैं। उस समय, पेट्रोल और एटीएफ पर 6 रुपये प्रति लीटर (12 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल) और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर (26 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल) का निर्यात शुल्क लगाया गया था।
तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) जैसी कंपनियों द्वारा उत्पादित कच्चे तेल पर 23,250 रुपये प्रति टन (40 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल) अप्रत्याशित लाभ कर भी लगाया गया था। पिछले दो सप्ताह में तेल की औसत कीमतों के आधार पर हर 15 दिन के बाद टैक्स दरों की समीक्षा की जाती है।यदि वैश्विक बेंचमार्क की दरें 75 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बढ़ जाती हैं तो घरेलू कच्चे तेल पर अप्रत्याशित कर लगाया जाता है। वहीं, जब डीजल, एटीएफ और पेट्रोल के निर्यात का मार्जिन 20 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से ऊपर जाता है तो उस पर लेवी लगता है।
आपको बता दें कि कच्चे तेल (कच्चा माल) और तैयार पेट्रोलियम प्रोडक्ट मार्जिन के बीच का अंतर है।