Tax Collection: भारत की आर्थिक तरक्की का एक और सबूत, सरकार ने हासिल किया टैक्स कलेक्शन का टारगेट
17 मार्च तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 18.90 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। पिछले वित्त वर्ष के दौरान जीएसटी कलेक्शन भी अच्छा रहा। अप्रैल 2023 में जहां अब तक का सर्वाधिक संग्रह 1.87 लाख करोड़ रुपये रहा था। वहीं मार्च 2024 में 1.78 लाख करोड़ रुपये रहा। यह जीएसटी प्रणाली की अब तक का दूसरा सर्वाधिक संग्रह है। आइए जानते हैं पूरी खबर।
पीटीआई, नई दिल्ली। सरकार ने मजबूत आर्थिक गतिविधि और बेहतर अनुपालन के दम पर वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 34.37 लाख करोड़ रुपये से अधिक के टैक्स कलेक्शन टारगेट को लगभग हासिल कर लिया है। सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य बढ़ाकर 19.45 लाख करोड़ रुपये कर दिया था।
वहीं, इनडायरेक्ट टैक्स (जीएसटी + सीमा शुल्क + उत्पाद शुल्क) का लक्ष्य घटाकर 14.84 लाख करोड़ रुपये किया था। सरकार ने एक फरवरी को पेश बजट में संशोधित अनुमान के तहत यह लक्ष्य तय किए थे।
17 मार्च तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह (कॉर्पोरेट कर और व्यक्तिगत आयकर मिलाकर) 18.90 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। पिछले वित्त वर्ष के दौरान जीएसटी कलेक्शन भी अच्छा रहा। अप्रैल, 2023 में जहां अब तक का सर्वाधिक संग्रह 1.87 लाख करोड़ रुपये रहा था। वहीं मार्च, 2024 में 1.78 लाख करोड़ रुपये रहा। यह जीएसटी प्रणाली की अब तक का दूसरा सर्वाधिक संग्रह है।
संशोधित अनुमान के अनुमान सकल कर संग्रह लक्ष्य वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 34.37 लाख करोड़ रुपये था। कर संग्रह में बढ़ोतरी आर्थिक गतिविधि का प्रतिबिंब है। एनएसओ के अनुमान के अनुसार, भारत की विकास दर दुनियाभर में सबसे ज्यादा है और 2023-24 में इसके 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। घरेलू खपत और सरकारी पूंजीगत व्यय देश की आर्थिक प्रगति के मुख्य संकेतक हैं।
भारत की विकास दर लगातार तीन तिमाहियों (अप्रैल-दिसंबर) में आठ प्रतिशत से अधिक रही और विभिन्न एजेंसियों ने वित्त वर्ष 2024 के लिए भारत के विकास अनुमान को संशोधित कर आठ प्रतिशत के करीब कर दिया है। एसबीआई रिसर्च और मूडीज को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024 में जीडीपी ग्रोथ आठ प्रतिशत रहेगी। फिच और बार्कलेज ने अपनी वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर 7.8 प्रतिशत कर दिया है।
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