एथनाल निर्माण के लिए सरकारी एजेंसी मक्के की करेगी सप्लाई, हर साल कम से कम एक लाख टन की होगी खरीदारी
एथनाल उत्पादन के लिए गन्ने के रस के इस्तेमाल पर प्रतिबंध के बाद अब सरकार हर साल कम से कम एक लाख टन मक्के की खरीदारी करेगी ताकि डिस्टलरी एथनाल का उत्पादन जारी रख सकें। नेशनल कोपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया और नेशनल एग्रीकल्चर कोपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (नेफेड) सरकारी सहायता वाली स्कीम के तहत से कम से कम अगले तीन साल तक मक्के की खरीदारी करेंगी।
By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sat, 09 Dec 2023 08:23 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एथनाल उत्पादन के लिए गन्ने के रस के इस्तेमाल पर प्रतिबंध के बाद अब सरकार हर साल कम से कम एक लाख टन मक्के की खरीदारी करेगी ताकि डिस्टलरी एथनाल का उत्पादन जारी रख सकें। सरकार एथनाल उत्पादन के लिए मक्के को प्रमुख माध्यम बनाना चाहती है। पिछले सप्ताह खाद्य व सार्वजनिक वितरण विभाग से जुड़ी मंत्रियों की समिति की बैठक में यह फैसला किया गया।
नेशनल कोपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया (NCCF) और नेशनल एग्रीकल्चर कोपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (नेफेड) सरकारी सहायता वाली स्कीम के तहत से कम से कम अगले तीन साल तक मक्के की खरीदारी करेंगी। खरीदारी इस साल से ही शुरू हो जाएगी। नेफेड व एनसीसीएफ खुले बाजार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर मक्के की खरीदारी करेंगी ताकि एथनाल के उत्पादन में कोई दिक्कत नहीं हो।
शीरे से एथनाल का उत्पादन रहेगा जारी
उपभोक्ता मामले विभाग के मुताबिक, गन्ने के रस से एथनाल बनाने पर लगाई गई रोक स्थायी नहीं है और इसकी लगातार समीक्षा की जाएगी। मंत्रालय चीनी के उत्पादन पर भी नजर रख रहा है। बी और सी-मोलासेज यानी शीरे से एथनाल का उत्पादन जारी रहेगा।यह भी पढ़ें: एथनाल उत्पादन के लिए मक्के की खरीदारी सुनिश्चित करे NCF - अमित शाह
चालू चीनी सीजन (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी के उत्पादन में गत चालू सीजन के मुकाबले 40 लाख टन कम चीनी के उत्पादन की आशंका है जिसे देखते हुए एथनाल के उत्पादन में गन्ने के रस के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है ताकि घरेलू स्तर पर चीनी के दाम में बढ़ोतरी नहीं हो। चुनाव सीजन होने की वजह से सरकार महंगाई को लेकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है।