सरकार ने माना बढ़ी बेरोजगारी
नई दिल्ली [जाब्यू]। गरीबों की संख्या में भारी कमी करने का दावा करने वाली केंद्र सरकार को यह स्वीकार करना पड़ा है कि पिछले कुछ वर्षो में बेरोजगारी भी बढ़ी है। सरकार का कहना है कि वर्ष 2011-12 में बेरोजगारी की दर 2.7 फीसदी रही है। वर्ष 200
By Edited By: Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
नई दिल्ली [जाब्यू]। गरीबों की संख्या में भारी कमी करने का दावा करने वाली केंद्र सरकार को यह स्वीकार करना पड़ा है कि पिछले कुछ वर्षो में बेरोजगारी भी बढ़ी है। सरकार का कहना है कि वर्ष 2011-12 में बेरोजगारी की दर 2.7 फीसदी रही है। वर्ष 2009-10 में यह दर 2.5 फीसद थी। सबसे ज्यादा बेरोजगारी ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं के बीच बढ़ी है। वर्ष 09-10 में इनमें बेरोजगारी की दर 2.4 फीसद थी, जो दो वर्ष बाद बढ़कर 2.9 फीसद हो गई है। हालांकि शहरी महिलाओं में बेरोजगारी इस दौरान सात से घटकर 6.6 फीसद रह गई है।
पढ़े : घट रहे गरीब, बढ़ रही बेरोजगारी राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में सांख्यिकी व कार्यक्रम क्रियान्वयन राज्य मंत्री श्रीकांत जेना ने बताया कि देश के श्रम बल में महिलाओं की संख्या में 91 लाख की कमी हुई है। राष्ट्रीय नमूना सर्वे के मुताबिक वर्ष 2009-10 में देश के कुल श्रम बल में 8.12 करोड़ महिलाएं थीं, जो वर्ष 2011-12 में घटकर 7.21 फीसद रह गई है। दूसरे शब्दों में कहें तो रोजगार खोने वालों में महिलाओं की संख्या ज्यादा है। जनसंख्या बढ़ने के बावजूद कुल कामगारों में महिला हिस्सेदारी घटने का मतलब उनके बीच बढ़ती बेरोजगारी ही है। देश में बेरोजगारी दर :
वर्ग 2009 10 2011-12 ग्रामीण 2.1 2.3
शहरी 3.7 3.8 पुरुष 2.2 2.4 महिलाएं 3.3 3.7 कुल 2.5 2.7