रिकॉर्ड मुनाफे से मालामाल सरकारी बैंक, नेट एनपीए का स्तर एक फीसद से भी नीचे आया
देश के दो शीर्षस्थ सरकारी बैंक (भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नैशनल बैंक) ने पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही के नतीजे जारी किये। इन सराकरी बैंकों के नेट प्रॉफिट में वृद्धि हुई है। वहीं बैंक का एनपीए भी 1 फीसदी तक गिर गया है। बैंकों का मुनाफा असलियत में वर्ष 2021-22 से ही सुधारना शुरू हुआ था। पढ़ें पूरी खबर...
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में हो रहे आम चुनाव की रैलियों में पीएम नरेंद्र मोदी ने और हाल के दिनों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई बार सार्वजनिक तौर पर यह कहा है कि किस तरह से मोदी सरकार के कार्यकाल में देश के सरकारी बैंकों की स्थिति पूरी तरह से बदल गई है।
गुरुवार को देश के दो शीर्षस्थ सरकारी बैंक (भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नैशनल बैंक) ने पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही और पूरे वित्त वर्ष के वित्तीय परिणाम जारी किये हैं जिससे पता चलता है कि ना सिर्फ इन्होंने अपने फंसे कर्जे की समस्या पर काफी हद तक काबू पा ली है बल्कि इनका मुनाफा भी खूब बढ़ा है।
कितना बढ़ा बैंक का मुनाफा
वर्ष 2023-24 के दौरान एसबीआई का शुद्ध मुनाफा 61,077 करोड़ रुपये (21.59 फीसद की वृद्धि), पीएनबी का शुद्ध मुनाफा 8,245 करोड रुपये ( 229 फीसद) और केनरा बैंक का शुद्ध मुनाफा 14,544 करोड़ रुपये (37.25 फीसद ज्यादा) रहा है।यह अभी तक इन बैंकों का अभी तक का रिकॉर्ड मुनाफा है और अगले दो-तीन दिनों में जिन सरकारी बैंकों के वित्तीय परिणाम सामने आने वाले हैं, उनकी स्थिति भी ऐसी ही रहने की संभावना है। उक्त तीनों बैंकों ने अतिरिक्त लाभांश का ऐलान किया है।
बैंकों का मुनाफा असलियत में वर्ष 2021-22 से ही सुधारना शुरू हुआ था। एक तो देश में कर्ज की मांग काफी तेजी से बढ़ रही है। दूसरा, भारतीय बैंकिंग सेक्टर में फंसे कर्ज यानी एनपीए (नॉन-परफार्मिंग एसेट्स) की समस्या काफी हद तक काबू में आ गई है।तीसरा, दिवालिया कानून की वजह से पुराने कर्जे की वसूली तेज हुई है। साथ ही सरकारी प्रतिभूतियों के कारोबार में भी बैंक कमाई कर रहे हैं।