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31 मार्च 2024 तक नहीं होगा प्याज का निर्यात, केंद्र सरकार ने लगाई रोक

केंद्र सरकार ने देश में प्याज की उपलब्धता और इसकी कीमत को कंट्रोल में रखने के लिए प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है। आज डीजीएफटी ने अपने एक नोटिफिकेश में इस बात की जानकारी दी। इससे पहले सरकार ने चावल और चीनी के निर्यात पर भी प्रतिबंध उपलब्धता का हवाला देते हुए प्रतिबंध लगाया था जो अभी तक जारी है।

By AgencyEdited By: Gaurav KumarUpdated: Fri, 08 Dec 2023 11:00 AM (IST)
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प्याज की उपलब्धता और कीमत को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने लिया है ये फैसला।

पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है। सरकार ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के मकसद से यह फैसला लिया है।

फैसले के मुताबिक अगले साल मार्च तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। आज विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक अधिसूचना में कहा,

प्याज की निर्यात नीति... को संशोधित कर 31 मार्च, 2024 तक फ्री से निषेध किया गया है।

डीजीएफटी ने यह भी कहा कि हालांकि, अन्य देशों को उनके अनुरोध के आधार पर सरकार द्वारा दी गई अनुमति के आधार पर प्याज के निर्यात की अनुमति दी जाएगी।

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इस नोटिफिकेशन के मुताबिक वैसे प्याज के शिपमेंट, जिनकी लोडिंग निर्यात प्रतिबंध अधिसूचना से पहले शुरू हो गई थी, को निर्यात करने की अनुमति है।

दिल्ली में क्या है प्याज की कीमत?

दिल्ली में स्थानीय विक्रेता 70-80 रुपये प्रति किलोग्राम पर प्याज बेच रहे हैं। आपको बता दें कि आज के इस फैसले से पहले, केंद्र सराकर ने अक्टूबर में ग्राहकों को राहत देने के लिए खुदरा बाजारों में 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बफर प्याज स्टॉक की बिक्री बढ़ाने का फैसला किया था।

प्याज के दाम को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने उठाएं है कई कदम

केंद्र सरकार ने इस साल 28 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक प्याज के निर्यात पर 800 अमेरिकी डॉलर प्रति टन का मिनिमम एक्पोर्ट प्राइस (MEP) लगाया था ताकी देश में प्याज की कीमत नियंत्रण में रहे। इससे पहले अगस्त में भारत ने प्याज पर 31 दिसंबर तक 40 फीसदी निर्यात शुल्क लगाया था।

कितने टन प्याज का हुआ निर्यात?

आंकड़ों के मुताबिक इस वित्त वर्ष में 1 अप्रैल से 4 अगस्त के बीच देश से 9.75 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया है जिनमें बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात शीर्ष तीन आयातक देश हैं।

14 नवंबर को जारी WPI आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर में सब्जियों में मुद्रास्फीति कम होकर (-) 21.04 प्रतिशत और आलू में (-) 29.27 प्रतिशत हो गई थी लेकिन प्याज की वार्षिक मूल्य वृद्धि दर 62.60 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रही।