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Budget 2024: IRFC, NFL, मझगांव डॉक में हिस्सेदारी बेचेगी सरकार! क्या निवेशकों को भी होगा फायदा

सरकार इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IRFC) नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (NFL) और राष्ट्रीय केमिकल एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (RCF) में हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है। उसका इरादा डिफेंस सेक्टर Mazagon Dock (MDL) में भी हिस्सेदारी घटाने पर है। इसके लिए रक्षा मंत्रालय से बातचीत भी चल रही है। आइए जानते हैं कि सरकार हिस्सेदारी बेचने पर क्यों विचार कर रही है और इसका क्या इंपैक्ट होगा।

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Published: Sun, 30 Jun 2024 12:40 PM (IST)Updated: Sun, 30 Jun 2024 12:40 PM (IST)
सरकार की IRFC में 86.36 फीसदी हिस्सेदारी है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। सरकार रेल, फर्टिलाइजर और डिफेंस सेक्टर की कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी घटाने पर विचार कर रही है। इसके लिए वह ऑफर फॉर सेल (OFS) का रास्ता अख्तियार कर सकती है। इसका एलान जुलाई के आखिर में पेश होने वाले केंद्रीय बजट में होने की उम्मीद जताई जा रही है, जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी।

यह खासतौर पर उन लोगों के लिए अच्छी खबर हो सकती है, जो इन सेक्टर में निवेश करना चाहते हैं। वहीं, हिस्सेदारी बेचने से सरकार के हाथ भी बड़ी रकम आएगी और उसे अपना राजकोषीय घाटा कम रखने में मदद मिलेगी।

किन कंपनियों में हिस्सेदारी बेचेगी सरकारी?

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट गौरांग शाह का कहना है कि सरकार इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IRFC), नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (NFL) और राष्ट्रीय केमिकल एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (RCF) में हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है। उसका इरादा डिफेंस सेक्टर Mazagon Dock (MDL) में भी हिस्सेदारी घटाने पर है। यह काफी शेयर मार्केट और रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए काफी बात है। MDL में हिस्सेदारी बेचने के लिए पिछले साल से ही रक्षा मंत्रालय से बातचीत चल रही है।

कैसे हिस्सेदारी बेचेगी सरकार

स्ट्रेटेजिक सेल्स में काफी झंझट होती है। इसके लिए लंबी बातचीत होती है। रेगुलेटरी प्रोसेस भी काफी लंबा खिंच जाता है। इन सब में काफी वक्त जाया होता है। ऐसे में सरकार ऑफर फॉर सेल के जरिए हिस्सेदारी बेच सकती है, जो काफी आसान और व्यावहारिक रास्ता है। इससे सरकार अपनी सहूलियत के हिस्सेदारी से कम या ज्यादा हिस्सेदारी बेचकर कंपनी में बनी भी रह सकती है।

किस कंपनी में कितनी हिस्सेदारी?

सरकार की IRFC में 86.36 फीसदी हिस्सेदारी है। वह 11.36 फीसदी हिस्सा बेच सकती है। इससे सरकार को करीब 7,600 करोड़ रुपये की कमाई होगी। यह बिक्री SEBI की मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग के नियमों के पालन के लिए भी जरूरी है। इसके मुताबिक, लिस्टेड कंपनी में कम से कम 25 फीसदी पब्लिक शेयरहोल्डिंग होनी चाहिए।

मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) में भी सरकार की 84.83 फीसदी हिस्सेदारी है। सरकार अपनी हिस्सेदारी 10 फीसदी तक घटा सकती है। डिफेंस सेक्टर के स्टॉक में पिछले कुछ समय में जोरदार तेजी आई है। मझगांव डॉक के शेयर ही एक साल में करीब 250 फीसदी तक उछल गए हैं। इससे सरकार के हाथ अच्छी खासी रकम आने की उम्मीद है।

वहीं अगर RCF और NFL की बात करें, तो इन कंपनियों में सरकार क्रमश: 10 और 20 फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है। इससे सरकार को करीब 12,000 करोड़ रुपये मिलेंगे।

क्या है एक्सपर्ट की राय?

एक्सपर्ट ने सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी घटाने के विचार का स्वागत किया है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट गौरांग शाह का कहना है, 'MDL, IRFC, NFL और RCF में कुछ हिस्सेदारी घटाने का फैसला काफी अच्छा है। हम अक्सर सरकार से बजट के दौरान या उसके बाद विनिवेश के बारे में सुनते हैं। लेकिन, अक्सर वे चीजें सिर्फ कागजों पर ही रह जाती हैं और जमीनी स्तर पर चीजें साकार नहीं हो पाती हैं। इस बार उम्मीद है कि ऐसा नहीं होगा।'

शाह का कहना है कि सरकार का हिस्सेदारी घटाना इसलिए भी अहम है, क्योंकि मार्केट में उपलब्ध फ्लोट काफी कम है। जब तक हिस्सेदारी बेचने के फैसले पर अमल नहीं होगा, तब तक फ्लोट नहीं बढ़ सकता। उन्होंने कहा कि सरकार उन सभी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी घटाने के बार में विचार करना चाहिए, जहां उसका हिस्सा अधिक है। इससे सरकार के साथ रिटेल इन्वेस्टर्स को भी फायदा होगा और उन्हें अच्छी कमाई का मौका मिलेगा।

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