अरहर दाल की आपूर्ति बढ़ाने में जुटी सरकार, मोजांबिक से तुअर दाल की खेप को शीघ्र रवाना करने का किया आग्रह
अरहर दाल की भारत में सबसे अधिक मांग है। लेकिन आपूर्ति इस दाल की आपूर्ति कम है। कमी को दूर करने के लिए भारत ने मोज़ाम्बिक से दालें खरीदीं लेकिन व्यवधानों के कारण डिलीवरी में देरी हुई। इस स्थिति के जवाब में केंद्र ने मोजाम्बिक सरकार से बंदरगाह प्रक्रियाओं को शीघ्रता से पूरा कर दाल की डिलीवरी भेजने का आह्वान किया।
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। दालों की कीमतों में उछाल को देखते हुए केंद्र सरकार सतर्क हो गई है। भारत में सबसे ज्यादा मांग अरहर (तुअर) दाल की है। किंतु आपूर्ति कम है।
भारत ने मोजांबिक से खरीदा दाल
भारत ने इस कमी को दूर करने के लिए मोजांबिक से दाल की खरीदारी की है, लेकिन व्यवधान के कारण खेप आने में देरी हो रही है। ऐसे में केंद्र ने मोजांबिक सरकार से बंदरगाहों पर तेजी से प्रक्रिया पूरी कर खेप रवाना करने का अनुरोध किया है।
हर साल 30 लाख टन तक दालों का होता है आयात
घरेलू बाजार में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भारत में प्रत्येक वर्ष 25-30 लाख टन तक दालों का आयात किया जाता है। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने शुक्रवार को मोजांबिक के उच्चायुक्त एर्मिंडो ए परेरा के साथ बैठक कर तुअर दाल से जुड़े व्यापार संबंधी मुद्दों पर विमर्श किया।
इस दौरान सचिव ने मोजांबिक में जुलाई 2023 से दाल के निर्यात में उत्पन्न होने वाली प्रक्रियात्मक बाधाओं पर चिंता व्यक्त की। विभाग ने निर्यात की शीघ्र मंजूरी देने पर जोर देते हुए कहा कि तुअर दाल की खेप मोजांबिक बंदरगाहों पर रुकी हुई है।
इसके लिए केंद्र सरकार ने उच्चायुक्त से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। द्विपक्षीय वार्ता में इस बात पर भी जोर दिया गया कि तुअर व्यापार के लिए दोनों देशों को समझौते पर अमल करने की जरूरत है, क्योंकि यह उपभोक्ताओं के साथ किसानों के प्रति भी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।