महंगाई थामने को लेकर आरबीआई के संपर्क में सरकार, स्थिति बिगड़ने से पहले उठाए जाएं एहतियाती कदम
कई राज्यों में चुनाव आ रहे हैं। इस बीच महंगाई बढ़ने का खतरा फिर बढ़ गया है। ऐसे में सरकार अब मुद्रास्फीति की स्थिति बिगड़ने से पहले एहतियाती कदम उठाने के लिए बिना किसी जोखिम के आरबीआई के संपर्क में है। इसी के तहत बिते शुक्रवार को आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड की बैठक में असामान्य मानसून से महंगाई बढ़ने की संभावना पर हुई काफी चर्चा हुई।
नई दिल्ली, जेएनएन: कई राज्यों में चुनाव सामने हैं। इस बीच महंगाई में वृद्धि का खतरा फिर बढ़ गया है। ऐसे में सरकार कोई भी खतरा मोल नहीं लेते हुए अभी से आरबीआई के संपर्क में है कि किस तरह से महंगाई की स्थिति बिगड़ने से पहले एहतियाती कदम उठाए जाएं।
असामान्य मानसून से महंगाई बढ़ने की संभावना पर हुई चर्चा
आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड की गत शुक्रवार को आयोजित बैठक में भी महंगाई पर अच्छी खासी चर्चा हुई। केंद्रीय बोर्ड की इस बैठक में घरेलू और वैश्विक हालात के देश की महंगाई पर पड़ने वाले संभावित असर की समीक्षा की गई है। देश के अधिकांश इलाकों में असामान्य मानसून और इससे खाद्य व दूसरे क्षेत्र में महंगाई बढ़ने की संभावना पर भी विस्तार से चर्चा हुई है।
बैठक में कौन-कौन रहा शामिल?
यह आम सहमति थी कि आरबीआई केंद्रीय बोर्ड की पिछली बैठक के बाद देश में महंगाई बढ़ने का खतरा ज्यादा बढ़ा है। आरबीआई के केंद्रीय निदेशक बोर्ड की बैठक गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में हुई। बैठक में सभी डिप्टी गवर्नर और सभी निदेशकों के अलावा आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ और वित्तीय सेवा विभाग के सचिव डा. विवेक जोशी भी शामिल हुए।
अगस्त में 33 फीसदी कम हुई बारिश
अगस्त माह में देश में सामान्य से 33 प्रतिशत कम बारिश होने की सूचना आई है। इसका असर रबी के फसलों के उत्पादन पर भी पड़ने की आशंका है। वैसे, आरबीआई गवर्नर ने हाल ही में कहा था कि सितंबर 2023 के बाद महंगाई में कमी आएगी लेकिन इसमें अल-नीनो के असर का आकलन शामिल नहीं है।
आरबीआई ने पिछले महीने मौद्रिक नीति पेश करते हुए कहा था कि अगर मानसून सामान्य रहता है तो महंगाई की दर 5.4 प्रतिशत रहेगी। जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान महंगाई दर 6.2 प्रतिशत रहने की संभावना जताई गई थी। लेकिन अब मानसून सामान्य नहीं रहने की बात सामने आ चुकी है।
महंगाई का असर आने वाले चुनाव पर पड़ेगा
सरकार की चिंता इस बात की है कि असामान्य मानसून का असर महंगाई पर आने में दो महीने का समय लगेगा और तब तक देश के पांच प्रमुख राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य-प्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव हो रहे होंगे।
वित्त मंत्रालय महंगाई के मुद्दे पर न सिर्फ आरबीआई के संपर्क में है, बल्कि हाल में दूसरे संबंधित मंत्रालयों के बीच भी कई समन्वय बैठकें की गई हैं। केंद्र सरकार की तरफ से हाल ही में घरेलू रसोई गैस के मूल्य में 200 रुपये प्रति सिलेंडर की कटौती करने के पीछे भी यही सोच बताई जा रही है।