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FDI in India: एफडीआई नियमों में बड़े बदलाव पर विचार कर रही सरकार, जानिए पूरी डिटेल

भारत ने हाल ही में अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मानदंडों में ढील दी है और इस बात की संभावना है कि नई सरकार के सत्ता में आने पर कुछ अन्य क्षेत्रों में एफडीआई मानदंडों में राहत दी जा सकती है। DPIIT के सचिव राजेश कुमार सिंह ने शनिवार को कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत ने कई क्षेत्रों में एफडीआई नीति को उदार बनाया है।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Sun, 19 May 2024 06:00 AM (IST)
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अप्रैल-दिसंबर 2023 में भारत में एफडीआई 13 प्रतिशत घटकर 32.03 अरब डॉलर रह गया।
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत ने हाल ही में अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मानदंडों में ढील दी है और इस बात की संभावना है कि नई सरकार के सत्ता में आने पर कुछ अन्य क्षेत्रों में एफडीआई मानदंडों में राहत दी जा सकती है। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने शनिवार को कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत ने कई क्षेत्रों में एफडीआई नीति को उदार बनाया है।

उन्होंने कहा कि भारत की नीतियां दुनिया में सबसे उदार एफडीआई नीतियों में से एक हैं और वास्तव में यह कई दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की तुलना में अधिक उदार है। उद्योग संगठन सीआईआई के वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन में सिंह ने कहा कि बहुत संभावना है कि नई सरकार के तहत हम जो भी क्षेत्र बचे हैं और जहां कुछ उदारीकरण संभव है, वहां इसके लिए प्रयास कर सकते हैं।

एफडीआई 13% घटकर 32.03 अरब डॉलर

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-दिसंबर 2023 में भारत में एफडीआई 13 प्रतिशत घटकर 32.03 अरब डॉलर रह गया। ऐसा मुख्य रूप से कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, दूरसंचार, ऑटो और दवा क्षेत्रों में कम निवेश के कारण हुआ। उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं (पीएलआई) की सफलता के बारे में सिंह ने कहा कि अब तक 1.13 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया है और लाभार्थी कंपनियों ने नौ लाख करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री, 3.45 लाख करोड़ रुपये का निर्यात सृजित किया है। साथ ही आठ लाख से ज्यादा लोगों को नौकरी दी है।

सिंह ने कहा कि कुछ लोग यह कहते हुए इस योजना की आलोचना करते हैं कि इससे घरेलू मूल्यवर्धन में वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि इसमें समय लगता है।

नई ईवी पॉलिसी पर अच्छी प्रतिक्रिया की उम्मीद

राजेश सिंह ने कहा कि भारत को अपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) नीति पर कई ऑटोमोबाइल कंपनियों से अच्छी प्रतिक्रिया की उम्मीद है। यह नीति टेस्ला जैसी वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करने के लिए मार्च में जारी की गई थी। उन्होंने कहा कि नीति में सरकार ने भारत में कोई भी वास्तविक निवेश किए बिना सिर्फ आधार स्थापित करने की प्रतिबद्धता जताकर शुल्क में बदलाव करने की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि हर कोई एक कंपनी (टेस्ला) के बारे में बात करता है, लेकिन हम इस नीति पर कई कंपनियों से प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहे हैं।

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