Sugar Industry को बड़ा झटका, सरकार ने कहा- नहीं मिलेगी कोई रियायत
चीनी उद्योग सरकार से लगातार शुगर एक्सपोर्ट की इजाजत देने की मांग कर रही है। उसकी दलील है कि देश में चीनी की कोई कमी नहीं है और एक्सपोर्ट की इजाजत मिलने से उनकी वित्तीय स्थिति बेहतर होगी। लेकिन केंद्र सरकार ने एक्सपोर्ट के मामले में शुगर इंडस्ट्री (Sugar Industry) को किसी तरह की राहत देने से मना कर दिया है।
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को एक्सपोर्ट के मामले में शुगर इंडस्ट्री (Sugar Industry) को किसी तरह की राहत देने से मना कर दिया। सरकार ने स्पष्ट कहा कि अक्टूबर में खत्म होने वाले मौजूदा शुगर ईयर के लिए एक्सपोर्ट की इजाजत नहीं दी जाएगी।
क्या मांग कर रही है इंडस्ट्री
चीनी उद्योग सरकार से लगातार शुगर एक्सपोर्ट की इजाजत देने की मांग कर रही है। उसकी दलील है कि देश में चीनी की कोई कमी नहीं है और एक्सपोर्ट की इजाजत मिलने से उनकी वित्तीय स्थिति बेहतर होगी।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने मौजूदा शुगर ईयर के लिए 10 लाख टन चीनी निर्यात करने की अनुमति मांगी थी। उसका कहना था कि इस सीजन के आखिर तक चीनी कंपनियों के पास काफी क्लोजिंग-स्टॉक बचेगा। ऐसे में निर्यात करने से कंपनियों को काफी फायदा होगा।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने फूड मिनिस्ट्री के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि शुगर इंडस्ट्री की लगातार डिमांड के बावजूद सरकार फिलहाल एक्सपोर्ट की इजाजत देने पर विचार नहीं कर रही है।
भारत में चीनी का उत्पादन कितना है?
अगर मौजूदा शुगर ईयर की बात करें, तो मार्च तक देश का चीनी उत्पादन 3 करोड़ टन को पार कर गया था। ISMA ने 2023-24 सीजन के लिए शुगर प्रोडक्शन के अनुमान को संशोधित करके 3.2 करोड़ टन कर दिया है। वहीं, सरकार का अंदाजा है कि चीनी उत्पादन 3.15 करोड़ टन से 3.2 करोड़ टन के बीच रहेगा।हालांकि, चीनी इंडस्ट्री के लिए राहत की बात यह है कि सरकार चीनी मिलों को इस बात की इजाजत दे सकती है कि वे अतिरिक्त स्टॉक का इस्तेमाल इथेनॉल प्रोडक्शन के लिए करें। इस खबर से चीनी कंपनियों के शेयरों में तेजी भी दिखी थी। अगर इथेनॉल प्रोडक्शन की अनुमति भी मिल जाती है, तो काफी राहत मिल जाएगी।
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