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Budget 2024: अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने बेरोजगारी को बताया बड़ी चुनौती, बोले- छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देने की जरूरत

बसु ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि सरकार जीडीपी के आंकड़ों में सिर्फ वृद्धि को ही प्रोत्साहित नहीं करेगी बल्कि वह आम लोगों के हित में कदम उठाएगी। लगातार बढ़ रही बेरोजगारी पर एक सवाल का जवाब देते हुए बसु ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के लिए इसके पीछे एक स्वार्थ छिपा है क्योंकि इससे उन्हें राजनीतिक कार्यकर्ता मिल जाते हैं।

By Agency Edited By: Ram Mohan Mishra Updated: Tue, 16 Jul 2024 09:09 PM (IST)
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अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने बेरोजगारी को बड़ी चुनौती बताया है।
पीटीआई, नई दिल्ली। विश्व बैंक के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने मंगलवार को कहा कि मोदी सरकार को आगामी बजट में आम लोगों के कल्याण के साथ ही छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देने से जुड़े कदम उठाने चाहिए। इतना ही नहीं अधिक रोजगार सृजन के लिए मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के लिए अधिक फंड आवंटित किया जाना चाहिए।

यूनियन बजट से ये उम्मीदें 

एक साक्षात्कार में बसु ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि सरकार जीडीपी के आंकड़ों में सिर्फ वृद्धि को ही प्रोत्साहित नहीं करेगी बल्कि वह आम लोगों के हित में कदम उठाएगी। प्रख्यात अर्थशास्त्री का यह भी मानना है कि अमीर लोग अधिक कर चुकाने में सक्षम हैं और उनसे कर के तौर पर लिए जाने वाले धन का उपयोग मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए किया जा सकता है, जिससे रोजगार सृजन में वृद्धि होगी और आम लोगों की आय बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

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असमानता और बेरोजगारी बड़ी चुनौतियां 

मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे बसु ने कहा कि पिछले दो सालों के दौरान भारत की समग्र जीडीपी ग्रोथ अच्छी रही है, लेकिन इस आंकड़े पर ध्यान केंद्रित करके हम देश के सामन आने वाली दो प्रमुख चुनौतियों को नजर अंदाज कर रहे हैं। ये दो प्रमुख चुनौतियां हैं, बढ़ती असमानता और उच्च बेरोजगारी।

कार्नेल विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बसु ने कहा-

यदि एक पार्टी की बहुमत वाली सरकार का उद्देश्य हर हाल में जीडीपी को बढ़ाना है, भले ही इससे आम लोगों की स्थिति खराब हो तो देश में गठबंधन सरकार होना बेहतर है, क्योंकि इससे ऐसी नीति पर लगाम लगती है।

बेरोजगारी पर कह दी ये बड़ी बात 

लगातार बढ़ रही बेरोजगारी पर एक सवाल का जवाब देते हुए बसु ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के लिए इसके पीछे एक स्वार्थ छिपा है, क्योंकि इससे उन्हें राजनीतिक कार्यकर्ता मिल जाते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि पार्टियां अपने हितों से ऊपर उठकर राष्ट्र के हित में नीतियों को लागू करेंगी। उन्होंने कहा कि इस समय सबसे महत्वपूर्ण नीति रोजगार सृजन होनी चाहिए। हालांकि, उन्होंने इस बात से इनकार नहीं किया कि बेरोजगारी एक वैश्विक समस्या है।

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