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Jan Dhan Yojana: अब शख्स के पास होगा बैंक अकाउंट, वित्त मंत्री ने बताया सरकार का प्लान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के सभी वयस्क नागरिकों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि जन-धन योजना के तहत अब तक हर घर बैंक खाता खोलने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा था। इसकी जगह अब हर गैर-बैंकिंग व्यस्क को इस योजना के तहत लक्षित किया जाएगा। इसके तहत सभी बालिगों का बैंक अकाउंट खुलवाया जाएगा।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Tue, 27 Aug 2024 08:17 PM (IST)
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जन-धन योजना के तहत खोले गए खातों में न्यूनतम राशि रखने की आवश्यकता नहीं है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 में प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत तीन करोड़ खाते खोलने का लक्ष्य रखा गया है। 28 अगस्त, 2014 को जन-धन योजना की शुरुआत की गई थी और बुधवार को इस योजना के अपने दस वर्ष पूरे हो जाएंगे।

वित्त मंत्री ने बताया कि इस साल 14 अगस्त तक जन-धन योजना के तहत 53.13 करोड़ बैंक खाते खोले जा चुके हैं और इन खातों में से 29.56 करोड़ बैंक खाते महिलाओं के हैं। 66.6 प्रतिशत खाते ग्रामीण और छोटे शहरी इलाके में खोले गए हैं। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इस साल 14 अगस्त तक जन-धन खाते में 2.3 लाख करोड़ रुपए जमा थे।

जन-धन योजना की शुरुआत क्यों हुई थी?

वित्तीय समावेश के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जन-धन योजना की शुरुआत की थी। इस खाते को खोलने का कोई शुल्क नहीं लगता है और खाते में एक निश्चित राशि रखने की कोई न्यूनतम पाबंदी भी नहीं है। हालांकि जन-धन खाताधारकों को चेकबुक नहीं दिया जाता है। चेकबुक की जगह इन खाताधारकों को मुफ्त में रुपे कार्ड दिया जा रहा है जिसकी मदद से वह आसानी से भुगतान कर सकते हैं। जन-धन योजना के तहत अब तक 36.14 करोड़ रुपे कार्ड जारी किए जा चुके हैं।

वित्त मंत्री ने बताया कि जन-धन योजना के तहत अब तक हर घर बैंक खाता खोलने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा था। इसकी जगह अब हर गैर-बैंकिंग व्यस्क को इस योजना के तहत लक्षित किया जाएगा। मतलब अगर कोई बच्चा व्यस्क हो गया है और उसके पास बैंक खाता नहीं है तो इस योजना के तहत बैंकिंग से जोड़ा जाएगा।

सिर्फ 8.4 प्रतिशत खातों में ही शून्य राशि

मंत्रालय के मुताबिक जन-धन योजना के तहत खोले गए खातों में न्यूनतम राशि रखने की आवश्यकता नहीं है, फिर भी सिर्फ 8.4 प्रतिशत खातों में ही शून्य राशि हैं। मंत्रालय के मुताबिक जन-धन खाते में जमा औसत राशि में भी पिछले नौ साल में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वर्ष 2015 के मार्च में प्रति खाता औसत शेष राशि 1015 रुपए थी जो इस साल 16 अगस्त को 4,352 रुपए बताई गई। जन-धन योजना के तहत दो लाख रुपए का दुर्घटना बीमा कवर होता है। 10,000 रुपए तक की ओवरड्राफ्ट की सुविधा भी दी जाती है।

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