Elon Musk की टेस्ला को नहीं मिलेगी रियायत, पीयूष गोयल बोले- किसी एक कंपनी के फायदे के लिए पॉलिसी नहीं बनाती सरकार
अमेरिकी अरबपति एलन मस्क की इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने के लिए टैरिफ में विशेष रियायत मांग रही है। लेकिन केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार ऐसी पॉलिसी बिल्कुल नहीं बनाएगी जिसका मकसद किसी एक कंपनी को फायदा पहुंचाना होगा। आइए जानते हैं कि गोयल ने टेस्ला और ईवी मैन्युफैक्चरिंग के बारे में क्या कहा?
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत अपनी पॉलिसी को अमेरिकी इलेक्ट्रिक व्हीकल टेस्ला को फायदा पहुंचाने के हिसाब से नहीं बनाएगा। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हम ऐसी पॉलिसी नहीं लाएंगे, जिससे किसी एक कंपनी को फायदा हो।
उन्होंने कहा कि हम भारत के कानून और टैरिफ नियम को ऐसा बनाएंगे, जो सभी कंपनियों को समान मौके दे और वे दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने के लिए प्रोत्साहित हों। गोयल ने पिछले साल नवंबर में अमेरिका के कैलिफोर्निया में टेस्ला के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का दौरा भी किया था।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार किसी एक कंपनी या उसके हितों के लिए पॉलिसी नहीं बनाती। हर कोई अपनी मांग रखने के लिए स्वतंत्र है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप जो मांग करते हैं, सरकार उसी के आधार पर फैसला लेगी।
क्या मांग कर रही मस्क की टेस्ला?
दुनिया की सबसे बड़ी EV मेकर टेस्ला शुरुआती टैरिफ रियायत मांग रही है, जिससे उसकी 40,000 डॉलर से कम दाम वाली कारों के लिए 70 प्रतिशत और इससे अधिक वाली कारों के लिए 100 प्रतिशत सीमा शुल्क की भरपाई हो जाए।
टेस्ला का कहना था कि वह यह रियायत मिलने के बाद ही भारत में अपना प्लांट लगाएगी। अमेरिकी अरबपति एलन मस्क काफी लंबे समय से यह रियायत हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। इस सिलसिले में वह भारत भी आए थे और यहां नीति-निर्माताओं से मुलाकात भी की, लेकिन बात नहीं बनी।
भारत में मोटर गाड़ियों पर टैरिफ अधिक है। इसका मकसद लोकल प्रोडक्शन को बढ़ावा देना है। लेकिन, यह चीज विदेशी कार मेकर्स को रास नहीं आती और वे हमेशा इस मुद्दे को उठाते रहते हैं।यह भी पढ़ें : दो महीने में 40 अरब डॉलर घटी एलन मस्क की दौलत, जानें रईसों की लिस्ट में पहले से तीसरे नंबर पर कैसे खिसके टेस्ला के मालिक