सरकार नहीं लगाएगी मलेशिया से आयातित एल्यूमिनियम उत्पादों पर प्रतिपूर्ति शुल्क, वित्त-मंत्रालय ने लिया ये फैसला
भारत सरकार मलेशिया से आयातित एल्यूमिनियम उत्पादों पर प्रतिपूर्ति शुल्क (reimbursement fee) नहीं लगाएगी।शुल्क लगाने संबंधी डीजीटीआर की सिफारिशों को वित्त मंत्रालय ने खारिज कर दिया है। कुछ दिनों पहले ही डीजीटीआर ने सरकार से मलेशिया से आयातित एल्यूमिनियम उत्पादों पर प्रतिपूर्ति शुल्क लगाने की सिफारिश की थी।
By Sarveshwar PathakEdited By: Updated: Mon, 06 Jun 2022 08:13 AM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। सरकार ने मलेशिया से आयातित कुल एल्यूमिनियम उत्पादों पर प्रतिपूर्ति शुल्क नहीं लगाने का फैसला किया है। वित्त मंत्रालय ने इस बारे में व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) की सिफारिशों को खारिज कर दिया है। वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई डीजीटीआर ने मलेशिया से विभिन्न स्वरूप में 'एल्यूमिनियम प्राइमरी फाउंड्री अलाय इन्गोट' के आयात पर इस साल 31 जनवरी को प्रतिपूर्ति शुल्क लगाने की सिफारिश की थी।
कब लगाया जाता है प्रतिपूर्ति शुल्कघरेलू उद्योग की शिकायत के बाद डीजीटीआर ने यह सिफारिश की थी। प्रतिपूर्ति शुल्क किसी देश विशेष द्वारा सस्ते दाम या सब्सिडी वाले मूल्य पर अपने उत्पाद दूसरे देश में खपाने पर लगाया जाता है। यह शुल्क घरेलू उद्योग के संरक्षण के लिए लगाया जाता है।
राजस्व विभाग की ओर से जारी कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, 'केंद्र सरकार ने डीजीटीआर के अंतिम निष्कर्ष पर गौर करने के बाद इन सिफारिशों को खारिज करने का फैसला किया है।'घरेलू कंपनियों ने शिकायत में लगाए थे गंभीर आरोप
घरेलू कंपनियों ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि मलेशिया से एल्यूमिनियम उत्पादों के सब्सिडी वाले कंपनियों ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि मलेशिया से एल्यूमिनियम उत्पादों के सब्सिडी वाले आयात की वजह से स्थानीय उद्योग को नुकसान हो रहा है। मामले में डीजीटीआर ने प्रतिपूर्ति शुल्क लगाने की सिफारिश की थी। इस पर अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय ने ले लिया है।