अब नहीं रुलाएगा प्याज का भाव, सरकार करने वाली है तगड़ा इंतजाम
प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार गंभीरता से विचार कर रही है और इस पर एक-दो दिन में निर्णय ले लिया जाएगा। बफर स्टॉक को समृद्ध करने के लिए सरकार ने इस वर्ष 4.70 लाख टन रबी प्याज की खरीदारी की है। पिछले वर्ष सरकार ने बफर स्टाक के लिए तीन लाख टन रबी प्याज की खरीदारी की थी।
अरविंद शर्मा, नई दिल्ली। प्याज के दाम में तेजी की खबरों के बीच केंद्र सरकार ने आश्वस्त किया है कि किसी भी स्थिति में कीमतों पर नियंत्रण रखा जाएगा। बफर स्टॉक में 4.70 लाख टन प्याज का भंडारण है। जरूरत पड़ने पर उसे निकालकर बाजार में प्याज की कमी को दूर किया जाएगा। बारिश में कीमतों में तेजी की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्याज के बफर स्टाक की व्यवस्था कर रखी है। मूल्य स्थिरीकरण नीति के तहत प्याज के अधिकतम स्टाक को एक लाख टन से बढ़ाकर पांच लाख टन कर दिया गया है।
उपभोक्ता मंत्रालय की सचिव निधि खरे ने बताया कि प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार गंभीरता से विचार कर रही है और इस पर एक-दो दिन में निर्णय ले लिया जाएगा। बफर स्टॉक को समृद्ध करने के लिए सरकार ने इस वर्ष 4.70 लाख टन रबी प्याज की खरीदारी की है, जो पिछले वर्ष की तुलना में एक लाख 70 हजार टन ज्यादा है। पिछले वर्ष सरकार ने बफर स्टाक के लिए तीन लाख टन रबी प्याज की खरीदारी की थी। कृषि मंत्रालय ने प्याज की उपलब्धता को संतोषजनक बताया है।
38 लाख टन से अधिक प्याज का भंडारण
अनुमान है कि किसानों एवं व्यापारियों के पास अभी भी 38 लाख टन से अधिक प्याज का भंडारण है। लेकिन, कुछ कारोबारियों में कालाबाजारी एवं जमाखोरी के माध्यम से मुनाफा कमाने की प्रवृत्ति देखी जा रही है। इसके चलते कुछ प्रमुख केंद्रों पर प्याज की कीमत 50 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक हो गई है। इससे सरकार पर भारी दबाव पड़ने लगा है। इसके अलावा महाराष्ट्र समेत दक्षिण के राज्यों में लगातार भारी बारिश ने खरीफ मौसम में प्याज उत्पादन को बाधित कर दिया है। इस वजह से हफ्ते भर में ही प्याज के थोक भाव में 10 रुपये और खुदरा भाव में 20 रुपये प्रति किलो तक की वृद्धि हो गई है।