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Kala Namak Rice Export: इस किस्म के चावल निर्यात को मिली सरकार की मंजूरी, 1000 टन चावल पर नहीं लगेगा शुल्क

देश में कई किस्म के चावल उगाएं जाते हैं। इनमें से एक किस्म कालानमक चावल (Kala Namak Rice) है। सरकार ने पहले इस चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। विदेश व्यापार महानिदेशालय नोटिफिकेशन के अनुसार 1000 टन तक के कालाचावल के निर्यात पर लगने वाला निर्यात शुल्क माफ कर दिया गया है। पहले इस चावल पर 20 फीसदी का निर्यात लगता है।

By Agency Edited By: Priyanka Kumari Updated: Wed, 03 Apr 2024 03:47 PM (IST)
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इस किस्म के चावल निर्यात को मिली सरकार की मंजूरी
पीटीआई, नई दिल्ली। देश में कई तरह के चावल की खेती होती है। इन चावलों में से एक कालानमक है। कालानमक चावल (Kala Namak Rice) को गैर-बासमती माना जाता है। विदेश में इस चावल की काफी डिमांड है।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (Directorate General of Foreign Trade) ने कालानमक के निर्यात को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया है। नोटिफिकेशन के अनुसार 1,000 टन तक के कालाचावल के निर्यात पर लगने वाला शुल्क को खत्म कर दिया गया है। कालानमक चावल के विदेशी शिपमेंट पर शुल्क 20 प्रतिशत लगता है।

मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार चावल की इस किस्म के 1,000 टन तक के निर्यात पर शुल्क छूट बुधवार यानी आज से लागू होगी। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने मंगलवार को 1,000 टन तक कालानमक चावल के निर्यात की अनुमति दी थी।

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कालानमक चावल क्या है?

कालानमक एक गैर-बासमती चावल की किस्म है। सरकार ने इसके निर्यात पर पहले प्रतिबंध लगाया था। वर्तमान में यह चावल देश के कुल 6 शिपिंग स्टेशन से निर्यात करने की अनुमति है।

यह शिपिंग स्टेशन वाराणसी एयर कार्गो; जेएनसीएच (जवाहरलाल नेहरू कस्टम्स हाउस), महाराष्ट्र; सीएच (कस्टम हाउस) कांडला, गुजरात; एलसीएस (भूमि सीमा शुल्क स्टेशन) नेपालगंज रोड; एलसीएस सोनौली; एवं एलसीएस बरहनी है।

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