सरकार ने Sebi में नियुक्त किए दो पूर्णकालिक सदस्य, फिलहाल तीन साल के लिए हुई है नियुक्ति
सरकार ने कमलेश चंद्र वार्ष्णेय और अमरजीत सिंह को सेबी बाजार नियामक समिति के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में नियुक्त किया है। एक सरकारी घोषणा के अनुसार वार्ष्णेय राजस्व विभाग में संयुक्त सचिव और अमरजीत सिंह भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के कार्यकारी निदेशक हैं। दोनों की नियुक्ति फिलहाल तीन साल और अगले आदेश तक के लिए हुई है।
By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Wed, 16 Aug 2023 10:16 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: सरकार ने बाजार नियामक सेबी के बोर्ड में कमलेश चंद्र वार्ष्णेय (Kamlesh Chandra Varshney) और अमरजीत सिंह (Amarjeet Singh) को पूर्णकालिक सदस्य नियुक्त किया है।
एक सरकारी अधिसूचना के अनुसार, वार्ष्णेय राजस्व विभाग में संयुक्त सचिव हैं और अमरजीत सिंह भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) में कार्यकारी निदेशक हैं।
तीन साल के लिए हुई नियुक्ति
सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक ये दोनों नियुक्तियां कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से तीन साल की अवधि या अगले आदेश तक के लिए हैं।वर्तमान में, माधबी पुरी बुच की अध्यक्षता वाले सेबी के बोर्ड में दो पूर्णकालिक सदस्य और चार अंशकालिक सदस्य हैं।
क्या है सेबी?
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) भारत में प्रतिभूति बाजार को विनियमित करने और निवेशकों के हितों की रक्षा करने के लिए एक नियामक निकाय है। सेबी की स्थापना 1992 में हुई थी और इसका मुख्यालय मुंबई में है।सेबी के पास व्यापक अधिकार हैं और यह प्रतिभूतियों के निर्गम, लेनदेन और सूचीबद्ध होने से संबंधित सभी मामलों को विनियमित करता है। सेबी यह सुनिश्चित करता है कि प्रतिभूति बाजार में सभी गतिविधियां पारदर्शी और निष्पक्ष हों और निवेशकों के हितों की रक्षा की जाए।
क्या है सेबी का काम?
- प्रतिभूतियों के निर्गम और लेनदेन को विनियमित करना
- सूचीबद्ध कंपनियों की निगरानी करना
- बाजार में अनियमितताओं की जांच करना और उन पर कार्रवाई करना
- निवेशकों को शिक्षित करना और जागरूक करना