कैंसिलेशन फीस घटाएंगी एयरलाइनें
देश की तमाम एयरलाइनें टिकट रद कराने के लिए लिए जाने वाले शुल्क को कम करेंगी। यही नहीं, वे यात्रा की तारीख बदलने के लिए वसूले जाने वाले अतिरिक्त चार्ज को घटाने पर भी राजी हो गई हैं। एयरलाइन प्रतिनिधियों के साथ शुक्रवार को विमानन मंत्रालय के अधिकारियों की हुई बैठक में यह फैसला हुआ।
By Edited By: Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
नई दिल्ली, [जागरण ब्यूरो]। देश की तमाम एयरलाइनें टिकट रद कराने के लिए लिए जाने वाले शुल्क को कम करेंगी। यही नहीं, वे यात्रा की तारीख बदलने के लिए वसूले जाने वाले अतिरिक्त चार्ज को घटाने पर भी राजी हो गई हैं।
एयरलाइन प्रतिनिधियों के साथ शुक्रवार को विमानन मंत्रालय के अधिकारियों की हुई बैठक में यह फैसला हुआ। विमानन सचिव केएन श्रीवास्तव ने बताया कि एयरलाइनें टिकट रद करने के नाम पर काफी तगड़ा शुल्क वसूल रही हैं। पिछले दिनों कुछ एयरलाइनों ने कैंसिलेशन शुल्क को बढ़ाकर 1500 रुपये तक कर दिया है। इससे यात्री परेशान हैं। सभी एयरलाइनों से कैंसिलेशन शुल्क कम करने को कहा गया, जिस पर विचार करने को वे तैयार हो गई हैं। इसके अलावा टिकट पर यात्रा की तारीख बदलने के लिए भी भारी शुल्क वसूलने की शिकायतें मिली हैं। इसमें कमी के लिए भी एयरलाइनें तैयार हो गई हैं। वे जल्द ही इनमें कमी का एक फार्मूला लेकर उपस्थित होंगी। उन्होंने बताया कि एयरलाइनों से उन राज्यों के छोटे व मझोले शहरों के लिए उड़ानें बढ़ाने को कहा गया है जिन्होंने हाल में एटीएफ पर वैट की दरें घटाई हैं। बैठक में एयरपोर्ट से संबंधित यात्रियों की शिकायतें दूर करने के लिए ओंबुड्समैन नियुक्त करने और एयरक्राफ्ट लीजिंग कंपनियों के हित संरक्षण के लिए एयरक्राफ्ट रूल्स में बदलाव करने का निर्णय भी लिया गया। श्रीवास्तव के अनुसार हवाई अड्डों पर वसूले जाने वाले शुल्कों और सुविधाओं को लेकर काफी शिकायतें मिल रही हैं। लिहाजा, सबसे पहले दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट के लिए ओंबुड्समैन नियुक्त किए जाएंगे। इनके अनुभव के आधार पर बाद में अन्य हवाई अड्डों के लिए भी इनकी नियुक्ति होगी। एयरलाइन प्रतिनिधियों ने लीज पर विमान लेने में आ रही दिक्कतों का मुद्दा भी उठाया। यह समस्या किंगफिशर के बंद होने से पैदा हुई है। वह लीज पर लिए विमानों का लीज रेंट अदा करने या विमान लौटाने में नाकाम रही। इस वजह से लीजिंग कंपनियों को कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ा। अब लीजिंग कंपनियां भारतीय एयरलाइनों को विमान लीज पर देने के लिए काफी कड़ी शर्ते रख रही हैं। इसलिए सरकार ने केपटाउन समझौते के तहत 1934 के एयरक्राफ्ट एक्ट एवं रूल्स में परिवर्तन कर लीजिंग कंपनियों को गारंटी देने का निर्णय किया है।