रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स खत्म होने से कंपनियों को राहत, निवेश, देश की साख ब़़ढाने में अहम कदम, US बॉडी ने की तारीफ
यूपीए सरकार के कार्यकाल में लागू किए गए रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स को लेकर विधेयक में कहा गया है कि इससे आकषर्षक निवेश स्थल के रूप में भारत की छवि को धक्का लगा है। पिछले कुछ वषर्षो में वित्तीय और इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निवेश के प्रोत्साहन के लिए कई पहल की
By NiteshEdited By: Updated: Fri, 06 Aug 2021 08:12 AM (IST)
नई दिल्ली ब्यूरो/एजेंसी। यूपीए सरकार में लागू किए गए रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स ([पिछली तारीख से लगने वाले कर)] को सरकार हमेशा के लिए दफन करने जा रही है। इस साहसिक कदम से विदेशी निवेशकों के बीच भारत की साख मजबूत होगी और विदेशी निवेश ब़़ढेगा। यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम (USISPF) ने कानून को वापस लेने के भारतीय कदम की सराहना की है। इस कदम के बाद रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स से जु़़डे वोडाफोन और केयर्न एनर्जी के सभी मामले खत्म हो जाएंगे। इससे एयर इंडिया और शिपिंग कारपोरेशन के विनिवेश में भी आसानी होगी। केयर्न एनर्जी रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स के मामलों में भारत के एसेट्स पर दावा कर रही है, जिनमें एयर इंडिया और शिपिंग कारपोरेशन के एसेट्स भी शामिल हैं। कुछ वैश्विक अदालतों में रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स के मामले में भारत की हार से देश की छवि को भी धक्का लगा है।
सरकार ने 2012 से पहले के सभी रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स के मामलों को वापस लेने का फैसला किया है। इस मद में वसूले गए टैक्स को भी सरकार वापस करेगी। इस फैसले को कानूनी रूप देने के लिए सरकार ने गुरवार को कराधान विधि संशोधन विधेयक, 2021 लोकसभा में रखा। इसके तहत 28 मई, 2012 से पहले परोक्ष रूप से भारतीय एसेट्स के ट्रांसफर पर लगने वाले रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स खत्म हो जाएंगे।
यूपीए सरकार के कार्यकाल में लागू किए गए रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स को लेकर विधेयक में कहा गया है कि इससे आकषर्षक निवेश स्थल के रूप में भारत की छवि को धक्का लगा है। पिछले कुछ वषर्षो में वित्तीय और इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निवेश के प्रोत्साहन के लिए कई पहल की गई हैं। इसके बावजूद निवेशकों के मन में रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स की शंका कायम रही, जिससे कहीं न कहीं निवेश प्रभावित हो रहा था।
टैक्स विशेषषज्ञ भी मान रहे हैं कि कांग्रेस सरकार के जमाने से चल रहे रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स को समाप्त करने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह संदेश निश्चित रूप से जाएगा कि भारत में कानून का राज है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने अब तक रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स के मामले में 8,100 करो़़ड रपये की वसूली की है, जिसमें 7,900 करो़़ड रपये केयर्न एनर्जी के हैं। वोडाफोन पर सरकार की कोई देनदारी नहीं है। विधेयक के प्रस्ताव के मुताबिक सरकार रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स के मद में वसूली गई राशि वापस करेगी, लेकिन कंपनियों को भी भारत सरकार के खिलाफ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर की अदालतों से अपने सभी मुकदमों को वापस लेना होगा। इससे सरकार भी इस प्रकार के सभी मुकदमेबाजी से बाहर निकल आएगी। वोडाफोन और केयर्न एनर्जी की तरफ से दो अलग--अलग मध्यस्थता के मामले में सरकार को हार मिली है।
टैक्स एक्सपर्ट असीम चावला कहते हैं, रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स के सभी मामले खत्म होने से मुकदमेबाजी में बर्बाद होने वाले सरकार के समय और पैसे दोनों की बचत होगी। सरकार को यह काम 2014 में ही कर देना चाहिए था। इस विधेयक के तहत आयकर कानून 1961 में संशोधन करने का प्रस्ताव है ताकि भविष्य में 2012 से पहले परोक्ष रूप से भारतीय एसेट्स के ट्रांसफर पर रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स की मांग न की जा सके।