सरकार ने फिक्स्ड डिपॉजिट से अर्जित ब्याज पर वरिष्ठ नागरिकों से एकत्र किए 27 हजार करोड़ रुपये
एसबीआई के रिसर्चर्स ने कहा कि सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में वरिष्ठ नागरिकों से सावधि जमा पर अर्जित ब्याज पर 27000 करोड़ रुपये से अधिक कर वसूले हैं। एसबीआई शोधकर्ताओं की रिपोर्ट के अनुसार पिछले पांच वर्षों में जमा की कुल राशि 143 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2024 के अंत में 14 लाख करोड़ रुपये से 34 लाख करोड़ रुपये हो गई है।
पीटीआई, मुंबई। देश के सबसे बड़े लोनदाता एसबीआई के रिसर्चर्स ने कहा कि सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में वरिष्ठ नागरिकों से सावधि जमा पर अर्जित ब्याज पर 27,000 करोड़ रुपये से अधिक कर वसूले हैं। एसबीआई शोधकर्ताओं की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में जमा की कुल राशि 143 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2024 के अंत में 14 लाख करोड़ रुपये से 34 लाख करोड़ रुपये हो गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च ब्याज दरों के कारण वरिष्ठ नागरिकों के बीच सावधि जमा(Fixed Deposit) में निवेश करने में रुचि बढ़ी है, क्योंकि इसी अवधि में फिक्स्ड डिपॉडिट अकाउंट की कुल संख्या 81 प्रतिशत बढ़कर 7.4 करोड़ हो गई है।
वरिष्ट नागरिकों से मिला सबसे ज्यादा ब्याज
शोधकर्ताओं की मानें तो इनमें से कम से कम 7.3 करोड़ अकाउंट में 15 लाख रुपये से अधिक की राशि है। यह मानते हुए कि जमा पर 7.5 प्रतिशत का ब्याज मिलता है, वरिष्ठ नागरिकों ने अकेले ब्याज के रूप में वित्त वर्ष 24 में 2.7 लाख करोड़ रुपये कमाए हैं।रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें बैंक जमा से 2.57 लाख करोड़ रुपये और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना से शेष शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वरिष्ठ नागरिकों द्वारा भुगतान किए गए 10 प्रतिशत (औसत) कर को सभी वर्गों के बीच सुसंगत मानते हुए, भारत सरकार द्वारा कर संग्रहण लगभग 27,106 करोड़ रुपये होगा।
इसमें कहा गया है कि वृद्धिशील सावधि जमा में वरिष्ठ नागरिकों की हिस्सेदारी पांच साल पहले के 15 प्रतिशत से बढ़कर अब 30 प्रतिशत हो गई है।
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